कुछ तो बात है कि मिटती नहीं हस्ती हमारी .
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कुछ तो बात है कि मिटती नहीं हस्ती हमारी .
कुछ तो बात है कि मिटती नहीं हस्ती हमारी ….
स्वर्गीय रामविलास पासवान ने जीवनपर्यंत ब्राह्मणवाद व सवर्णवाद का विरोध किया था …. उनके पुत्र चिराग भी अपने पिता की तर्ज़ पर है …. उनके समर्थकों को वही पसन्द था …. वो समाज के जिस वर्ग से आते थे और जिस वर्ग की राजनीति करते थे वहाँ शायद जरूरत रही होगी ब्राह्मणवाद और सवर्णवाद के विरोध की ….
लेकिन ….
रामविलास पासवान किसी भी राजनीतिक दल और विचारधारा के लिए कभी अछूत नहीं रहे ….
रामविलास पासवान के सुपुत्र भी पिता की राह पर है …. उसी अंदाज में राजनीति भी करते हैं ….
कल तस्वीर देखी थी चिराग अपने स्वर्गीय पिता का पिंडदान ब्राह्मणों की मौजूदगी में कर रहे हैं ….
आज मिली इस तस्वीर में चिराग ने अपने स्वर्गीय पिता के लिए मुंडन करवाया है ….
यही सनातन की विशेषता है …. देखिये जड़ें कितनी गहरी है सनातन की जिस इंसान ने जीवनपर्यंत ब्राह्मणों सवर्णों ब्राह्मणवाद का विरोध किया उसकी अंतिम गति भी ब्राह्मणों द्वारा वैदिक विधान से ही सम्पादित की जाती है …. (पूर्व में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के पुत्र ने भी यही विधान अपने पिता की गति के लिए अपनाया था) ….
बिहार चुनाव और बिहार चुनावों में लोजपा चिराग की परफॉर्मेंस पर तो मैं कोई टिका-टिप्पणी करूँगा नहीं ….
लेकिन मैं इतना तो अवश्य कहूंगा …
क्या अरबी क्या अफगानी क्या ईरानी क्या तुर्की क्या मुगल क्या अंग्रेज और क्या वामपंथी अम्बेडकरवादी बामसेफ़ मिशनरी इन सबों के मानव सभ्यता में सबसे ज्यादा हमले आक्रमण झेलने वाली कौम और सभ्यता है हमारी ….
फिर भी कुछ तो बात है कि मिटती नहीं हस्ती हमारी ….
जय सत्य सनातन!! ….
साभार रितेश प्रज्ञांश जी