कबीरधाम जिले के विभिन्न ग्राम, नगर, वार्ड कंटेन्मेंट जोन से विमुक्त
कबीरधाम जिले के विभिन्न ग्राम, नगर, वार्ड कंटेन्मेंट जोन से विमुक्त
कंटेन्मेंट क्षेत्र में होम क्वारेटाईन का पालन करना अनिवार्य होगा
कवर्धा, 01 अक्टूबर 2020। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री रमेश कुमार शर्मा ने कबीरधाम जिले के अंतर्गत विभिन्न ग्रामों, नगरों, वार्डो में कोरोना पॉजिटिव केस पाये जाने के कारण जिला अंतर्गत पूर्व में घोषित कंटेन्मेंट जोन से कवर्धा विकासखंड के ग्राम पंचायत दशरंगपुर, बिरकोना, नगर पंचायत पिपरिया संपूर्ण, कवर्धा नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 4, 8, 13, 17 एवं 18 को छोड़कर, ग्राम धरमपुरा, जिंदा और ग्राम मोटियारी को कंटेन्मेंट जोन से विमुक्त किया है। इसी प्रकार सहसपुर लोहारा विकासखंड केग्राम बाजार चारभाठा, दनियाखुर्द, बासिनझोरी एवं मोहभठ्ठा, पंडरिया विकासखंड के कुई एवं कुकदूर, माकरी, चारभाठाखुर्द, कुम्ही, डबरी(गिरधारीकांपा), डबरी(बीजाभांठा), कुण्डा, बिरैनडीह, भरेवापुरन, पौनी, खैरवारकला, सोढ़ा, भैंसबोड़, गांगपुर, पंडरीपथरा, देवसरा, डोमसरा, दामापुर, अतरियाखुर्द, बोड़ला विकासखंड के ग्राम चिल्फी, राम्हेपुरकला, सरेखा, तरेगांव जंगल, तेलीटोला पुलिस कैम्प, नगर पंचायत बोड़ला का कबीरकुटी मोहल्ला, राली, बरबसपुर, तितरी और ग्राम रामपुर प्लाट को कंटेन्मेंट जोन से विमुक्त किया है।
कलेक्टर कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त कंटेन्मेंट क्षेत्र में जिन व्यक्तियों को होम क्वारंटाईन किया गया है, उनके क्वारंटाईन अवधि पूर्ण होने तक उन्हें एवं उनके घर के सभी सदस्यों को होम क्वारंटाईन में ही रहना होगा। चिन्हांकित क्षेत्र अंतर्गत सभी दुकानें एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान शासन के नियमानुसार संचालित होंगे। सार्वजनिक पार्क, गार्डन यथावत बंद रहेंगें। जिले में कोरोना वायरस के रोकथाम हेतु कंटेन्मेंट क्षेत्रों के बाहर भी सार्वजनिक स्थलों के संबंध में दिशा निर्देश जारी किया है। इसके तहत नगरीय क्षेत्रों में संचालित किराना, सब्जी, फल, मांस-मटन संबंधित बाजार, दुकान सबेरे 11 बजे तक ही खुली रहेगी। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य होगा। सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य होगा। सार्वजिक स्थानों पर थूकना प्रतिबंधित रहेगा। दुकानों, चौक चौराहों एवं उसके आस-पास अनावश्यक रूप से व्यक्तियों को एकत्रित होने की अनुमति नहीं होगी। दुकानों में हैण्ड सेनेटाईजर रखना होगा। अस्थाई ठेले, गुम्टी में मास्क का प्रयोग एवं सोशल डिस्टेसिंग का पालन अनिवार्य होगा। सार्वजनिक तथा निजी बैंकों में एक समय में अधिकतम पांच व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति होगी। शेष व्यक्ति कतारबद्ध रूप से दो गज की दूरी का पालन करेंगें।
सभी कार्यालय प्रमुख अपने कार्यालय परिसर में फिजिकल डिस्टेसिंग, मास्क का उपयोग एवं समय-समय पर हाथ धोने, सेनिटाईज करने हेतु आवश्यक व्यवस्था अनिवार्यतः सुनिश्चित करेंगें। यदि किसी कार्यालय में इस निर्देश की अवहेलना पाई जाती है, तो संबंधित कार्यालय प्रमुख को इसके लिए उत्तरदायी माना जावेगा तथा इंसिडेंट कमांडर अथवा उनके अधिकृत अधिकारी अर्थदण्ड अधिरोपित कर सकेंगें। अर्थदण्ड की कटौती वेतन से भी की जा सकेगी। छत्तीसगढ़ शासन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अधिसूचना अनुसार दिनांक 17.07.2020 द्वारा कोविड-19 के संक्रमण के रोकथाम एवं नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों एवं कंडिका (आईआई) के निर्देशों का पालन नहीं किए जाने की दशा में महामारी रोग अधिनियम, 1897 के अधीन निर्मित विनियम के तहत निम्नानुसार जुर्माना अधिरोपित करने हेतु पुलिस सहायक उप निरीक्षक एवं नायब तहसीलदार से अनिम्न अधिकारी एवं जिला मजिस्ट्रेट द्वारा प्राधिकृत अधिकारी को आदेशित किया गया है। सार्वजनिक स्थलों में मास्क, फेस कवर नहीं पहनने की स्थिति में, सार्वजनिक स्थलों पर थूकते हुए पाये जाने की स्थिति में सौ-सौ रूपये, दुकानों व्यवसायिक संस्थानों के मालिकों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग, फिजिकल डिस्टेसिंग का उल्लंघन किये जाने की स्थिति में दो सौ रूपये और होम क्वारेन्टाईन के दिशा निर्देशों का उल्लंघन किए जाने की स्थिति में एक हजार रूपये जुर्माना निर्धारित है। उपरोक्तानुसार अर्थदण्ड अधिरोपित करने हेतु समस्त इंसिडेंट कमांडर, नायब तहसीलदार की श्रेणी से अनिम्न समस्त राजस्व अधिकारी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी तथा उनके द्वारा नामित सहायक राजस्व निरीक्षक की श्रेणी से अनिम्न अधिकारी, सहायक उप निरीक्षक की श्रेणी से अनिम्न समस्त पुलिस अधिकारी को प्राधिकृत किया जाता है।
यदि नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी व्यक्ति द्वारा जुर्माना देने से इंकार किया जाता है, तो संबंधित के विरूद्ध एपिडेमिक डिसीजेज एक्ट, 1897 यथासंशोधित 2020 सहपठित छत्तीसगढ़ एपिडेमिक डिसीजेज कोविड-19 रेगुलेशन 2020 के रेगुलेशन 14 एवं भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 188 के अधीन संबंधित पुलिस थाना में एफ.आई.आर दर्ज कराई जावे। यदि किसी दुकान, व्यवसायिक संस्थान में दूसरी बार उल्लंघन पाया जाता हे तो उक्त दुकान, व्यवसायिक संस्थान को आगामी 15 दिवस के लिए सील किया जायेगा।