पक्षियों की सरंक्षण हेतु 8वीं का छात्र अनित बना पहला चिड़िया मितान, ग्राम स्तर पर बनाये जा रहे है चिड़िया मितान
कोण्डागांव। प्राचीन समय में वनवासी लोग प्राकृतिक शक्तियों एवं पशु-पक्षियों में ईश्वर का निवास मानकर उनकी पूजा किया करते थे परन्तु समय के साथ अज्ञानतावश उन्होने प्राकृतिक शक्तियों को ही नुकसान पहुंचाना प्रारंभ कर दिया। इसी का एक उदाहरण है कि लोगों ने पक्षियों का शिकार वनों में करना प्रारम्भ कर दिया। चिड़ियों का शिकार विभिन्न प्रायोजनो से कई लोगों द्वारा वनो में किया जाता है। इन प्रायोजनों में चिड़ियों के विक्रय, खाने के लिये एवं दवाईयों हेतु किया जाना शामिल है। इस शिकार पर नकेल कसने के लिये केशकाल वनमण्डल द्वारा अभिनव पहल के तहत् वन ग्रामों के छात्र-छात्राओं को चिड़ियों के संरक्षण के लिये चिड़िया मितान द्वारा प्राकृतिक धरोहरो को संरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। इस पहल में सर्वप्रथम ग्राम दिगानार के 8वीं कक्षा में अध्ययनरत् 15 वर्षीय अनित पिता जयाराम को प्रथम ‘‘चिड़िया मितान‘‘ बनाया गया है।
विदित हो कि एक सुबह वनमण्डलाधिकारी धम्मशील गणवीर फरसगांव परिक्षेत्र में गश्त हेतु गये हुए थे इस दौरान उन्होने ग्राम दिगानार के समीप एक बालक के हाथों में गुलेल एवं उसकी गोलियां देखी। बालक से पुछने पर उसने बताया कि गांव के ज्यादातर बच्चे और बड़ों द्वारा प्रायः चिड़ियों का शिकार किया जाता है। इस पर वनमण्डलाधिकारी द्वारा बच्चे को चिड़ियों द्वारा वनों को होने वाले लाभ जैसे एक पेड़ से दूसरे पेड़ों तक परागकणों का स्थानांतरण, बीजों का अन्य स्थानों पर छिड़काव और जैव विविधता के संरक्षण में चिड़ियों की भूमिका आदि के संदर्भ में बताया गया जिससे प्रेरित होकर बालक के द्वारा चिड़ियों के संरक्षण में सहयोग की मंशा जताई गई। इस बालक का नाम अनित था जिसके संकल्प को प्रोत्साहित करने के लिये वनमण्डलाधिकारी द्वारा अनित को प्रथम चिड़िया मितान बनाया गया। साथ ही इसे एक अभियान का रूप देकर केशकाल वनमण्डल के अन्तर्गत चिड़ियों को शिकार ना कर उनके संरक्षण हेतु चिड़िया मितान बनाने के लिये अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के द्वारा लोगो को केवल शिकार से रोकना ही नहीं अपितु उनके व्यवहार में परिवर्तन के द्वारा चिड़ियों के संरक्षण का प्रयास किया जा रहा है। इसमें बड़ों को बच्चे दुनिया को बचाने की प्रेरणा देते नजर आएंगे।
यह चिड़िया मितान वन अमलों द्वारा ग्राम स्तर पर बनाये जायेंगे। ये चिड़िया मितान ग्रामवासियों को चिड़ियों के संरक्षण के प्रति जागरूक कर उनके गुलेल एवं मिट्टी की गोलियों एवं तीर कमानों को जमा कराया जायेगा। चिड़िया मितान बनने हेतु इच्छुक छात्र-छात्राएं मोबाईल नम्बर 9424292516 पर सम्पर्क कर सकते हैं।