हुडकों का नामकरण शहीद कौशल यादव नगर दिग्विजय सिंग कि देन है
भिलाई। कारगिल में 20 वीं शहदत दिवस के अवसर पर शहीद कौशल नगर (हुड़को) के समाधि स्थल पर पहुँच कर तत्कालीन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंग जी ने 1999 में हुड़को वार्ड जिसका नाम शहीद कौशल नगर घोषित किया था। वहां जाकर श्रंद्धाजलि अर्पित कर 2 मिनट का मौन धारण किया। पूर्व विधायक बदरूद्दीन कुरैशी ने कौशल यादव के शहीद स्मारक पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उक्त बाते कही।
श्री कुरैशी ने कहा कि शहीद कौशल यादव के पिताजी रामनाथ यादव भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत थे। यह भिलाई के लोगों के लिए बडे गौरव कि बात थी उनके दो लडके थे एक लडका श्री शहीद कौशल यादव सेना में भर्ती हो गया पाकिस्तान के नापाक इरादों के कारण सन् 1971 में भारत के साथ युद्ध के बाद भी कई सैन्य संघर्ष होता रहा। लेकिन पाकिस्तान ने अपने सैनिकों और अर्ध-सैनिक बलों को छिपाकर नियंत्रण रेखा के पार भेजने लगा और इस घुसपैठ का नाम ऑपरेशन बद्र रखा था इसका मुख्य उदेश्य कश्मीर और लदाख के बीच की कडी को तोडना और भारतीय सेना को सियाचिन ग्लेशियर से हटाना था। पाकिस्तान यह भी मानता है कि इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के तनाव से कश्मीर मुदे को अंतरराष्ट्रीय मुदा बनाने में मदद मिलेगी।
पाकिस्तान अपनी घिनौनी हरकत करने लगा जिसे हमारे देश के सैनिक समझ गये। और बोफोर्स जैसे तोपों एवं सैनिकों का सहारा लेकर भारत सरकार ने ऑपरेशन विजय नाम से 2,00,000 सैनिकों को भेजा। यह युद्ध अधिकारिक रूप से 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ। इस युद्ध के दौरान 550 सैनिकों ने अपने जीवन का बलिदान दिया और 1400 के करीब घायल हुए थे। कारगिल युद्ध में हुये शहीदों की शहदत को कभी भूला नहीं जा सकता। कार्यक्रम में कौशल यादव जी की माताजी श्रीमति धनवन्ता देवी जी, कौशल यादव के छोटे भाई रामवचन यादव, समय लाल साहू, सीजू एंथोनी, जावेद, अरूण अग्रवाल, लोकेश साहू, बाब्बू विश्वास,आरजी के राव, तनभ्य दास, उपस्थि थे।