गौरेला पेंड्रा मरवाही के ग्राम पंडरी में किसानों को खाद के नाम पर छला जा रहा है,
संवाददाता प्रयास कैवर्त/चंद्रसेन पटास्कर
स्थान :पंडरी/गौरेला पेंड्रा मरवाही
गौरेला पेंड्रा मरवाही के ग्राम पंडरी में किसानों को खाद के नाम पर छला जा रहा है,
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला के ग्राम पंडरी में अन्तराज्य पंजाब हरियाणा के व्यापारीयों के एजेंटो द्वारा अवैध रूप से खाद बेचने पर अधिकारियों ने किया जब्ती की कार्यवाही,
जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही के अन्नदाता किसानों को खाद के नाम पर छला जा रहा है
विगत दिनो ग्राम किसान मित्र और ग्रामीण लोगों के शिकायत पर अन्तर्राज्य पंजाब हरियाणा के व्यापारीयों के एजेंटों द्वारा किसानों को
1. कृषि यंत्र में 50% अनुदान
2. 5 साल तक बिना ब्याज के लोन
3. किसानों के खेत में नलकूप खनन,
4. किसानों के धान को 30 रुपए किलो लेने
लालच देकर व अनंत डीएपी खाद बताकर 1300 रुपए प्रति बोरी दर से अवैध तरीके से खाद बेचा जा रहा था, किसान मित्र ,ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों की सूचना , शिकायत पर मरवाही कृषि अधिकारी की टीम और अनुविभागीय कृषि अधिकारी एस.एस चौहान के द्वारा 25 बोरी खाद ग्राम पंडरी [ मरवाही ] में जब्ती किया गया,
अनु विभागीय कृषि अधिकारी एस एस चौहान के द्वारा पूछताछ करने पर खाद विक्रेता के द्वारा अपना नाम आमिर खान निवासी आगरा का बताया, साथ ही अपने मालिक का नाम पता राजस्थान का बताया खाद विक्रय करने का कोई ठोस प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया। अनुविभागीय कृषि अधिकारी एसएस चौहान द्वारा हितग्राहियों ,ग्रामीणों और जनप्रतिनिधिओ , जनपद सदस्य द्वारे लाल केवट , जिला कांग्रेस महामंत्री सुरेंद्र कंवर, किसान मित्र चूड़ामणि कैवर्त के समक्ष पंचनामा तैयार करते हुए खाद को सैंपल के लिए रायपुर भेज दिया गया,
एवं व्यापारी के एजेंट को खाद विक्रय के लिये आवश्यक दस्तावेज कार्यालय में जमा करने का निर्देश दिया गया था जो अभी तक जमा नहीं किया गौरतलब है कि इन एजेंटों के द्वारा जिले अन्य गावो के किसानो को अत्याधिक मात्रा में खाद बेचा जा चुका है, अब वे किसान जो इनके ठगी का शिकार हो चुके है किसान अपने आपको ठगा महसूस कर रहे है,
अब देखना यह होगा वैश्विक संकट कोरोना काल मे अपने अनाज से दुनिया का पेट भरने वाले किसानो को अंर्तराज्य पंजाब हरियाणा व्यापारी के अवैध तरीके से बेचे गये खाद का पैसा उन गरीब किसानों को मिल पाता है कि नहीं, शासन प्रशासन के द्वारा किसानों के लिए लगातार योजना चलाया जा रहा है, लेकिन किसानों का ठगी का शिकार होने का कारण कहीं ना कहीं शासन प्रशासन के द्वारा मानक बीज एवं खाद का प्रचार प्रसार एवं उपलब्धता का अभाव दर्शाता है,