छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

पक्षपात के बिना किसानों को मिले फसल बीमा की राशि- लाभचंद बाफना

प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों को हुआ नुकसान

दुर्ग। साजा विधानसभा के साजा एवं धमधा विकासखण्ड के अधिकांश गांवो में ओलावृष्टि, अतिवृष्टि एवं अल्प दृष्टि के कारण किसानों भारी मात्रा में नुकसान हुआ है। इस नुकसान की भरपाई के लिए बिना पक्षपात के राज्य शासन को बीमा की राशि का शीघ्र ही भुगतान करने की मांग पूर्व साजा धंमधा विधायक लाभचंद बाफना के द्वारा की है ताकि किसान की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।

इस वर्ष के रबी फसल में किसानों द्वारा लगाए गए चना, गेंहू, धान, सोयाबीन, केला, पपीता, मसूर और अन्य साग सब्जी , ओलावृष्टि, अल्पवृष्टि, अनावृष्टि  के कारण अधिकांश जगह फसल खराब हो गई थी। चने की फसल तो पूरी तरह नष्ट हो गई थी।,  साजा ब्लॉक के ग्राम कातलबोड, सेमरिया, कंदई सहित कई ग्रामो में 2-3 सौ ग्राम तक की बड़ी बर्फ गिरने के कारण कई बड़े पेड़ भी धराशायी हुए और सैंकड़ो पेड़ टूटकर गिरे थे, चना , गेहू, केला ,पपीता, धनिया की फसल पूरी तरह नष्ठ हो गई थी। जिसका मुआयना भी कराया गया था, और स्वयं पूर्व विधायक लाभचंद बाफना ने भी खेतो में जाकर स्थल निरिक्षण किया था, लेकिन अभी तक आर.बी.सी.6-4  के अंतर्गत जो मुआवजा राशि मिलती है वो कई किसानों को अब तक नही मिली है। जिसको लेकर पुर्व विधायक लाभचंद बाफना ने जल्द से जल्द किसानों को राशि उपलब्ध करवाने आग्रह किया है। विभिन्न किसानों को अभी तक धान के बीमा की राशि भी नही मिल पाई है, जहाँ एक मात्रा में फसल हुआ है वहाँ कुछ किसानों को बीमा की राशि मिली है, लेकिन जिन ग्रामो में फसल बिल्कुल नही हुई है, ऐसे कई ग्रामो में बीमा की राशि अभी तक नही मिल पाई है. कुछ किसान ऐसे भी है जिनका पिछले खरीफ फसल के समय का धान का आरबीसी 6-4 की मुआवजा राशि नही मिली है।

अभी खरीफ फसल में भी अधिकांश जगह धान और सोयाबीन की बीज खराब होने के कारण अंकुरित नही हुई, इसलिए किसानों को दुबारा बुआई करनी पड़ी। दुगुने लागत और दुगुने परिश्रम के बाद भी समय पर बीमा की राशि, आर.बी.सी. 6-4 से क्षतिपूर्ति की राशि नही मिलने के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीर है. किसानों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा है। श्री बाफना ने बताया कि कई जगह एक ही पंचायत के एक गांव को मुआवजा मिलता है और दूसरे गांव के किसी भी किसान को मुआवजा नही मिलता है, यह किसानों और आम जन में भी चर्चा का विषय रहता है. इसलिए कृषि विभाग, राजस्व विभाग, जलसंसाधन विभाग की संयुक्त टीम बनाकर स्थल मुआयना कर, जांचकर, किसानों का बयान लेकर जल्द से जल्द सभी किसानों को बिना किसी पक्षपात के मुआवजा एवं क्षतिपूर्ति की राशि प्रदान किया जाए।

Related Articles

Back to top button