छत्तीसगढ़

काव्य संसद के 9वें व्याकरण शाला में आत्मकथा लेखन पर दिये गए व्याख्यान

काव्य संसद के 9वें व्याकरण शाला में आत्मकथा लेखन पर दिये गए व्याख्यान

सराईपाली- काव्य संसद छत्तीसगढ़ के वाट्सएप समूह में नवम व्याकरण शाला का वर्चुअल आयोजन हुआ। इस व्याकरण शाला में आत्मकथा- परिचय और सृजन के विषय में काव्य संसद प्रमुख पुखराज यादव के द्वारा सृजन विषयक व्याख्यान दिया गया। इस व्याकरण शाला के बिंदु एवं प्रस्तुतियाँ दि गई, जिसमें रायगढ़ ये युवा साहित्यकार गुलशन खम्हारी ने आत्मकथा के प्रक्कथन, काव्य संसद सह प्रमुख सुन्दर लाल डडसेना ने आत्मकथा की परिभाषा समूह के बीच रखा। आत्मकथा के इतिहास के संदर्भ में बलौदाबाजार से साहित्यकार युवा संतराम कुम्हार ने बताया। वहीं आत्मकथा के तत्वों के संदर्भ में महासमुन्द से युवा कवि विनोद कुमार “जोगी” ने समूह के बीच जानकारियां दी। आत्मकथा लेखन एवं सृजन के संबंध में जानकारी पुखराज प्राज ने दी। आत्मकथा की विशेषताओं के संदर्भ में कु. पुष्पा पटनायक ने बताया। इस कार्यक्रम के पश्चात प्रश्न काल का आयोजन किया गया। जिसमें आत्मकथा लेखन के संदर्भ में विभिन्न प्रश्नोत्तरों का दौर चलता रहा। इस वर्चुअल सम्मेलन में राज्य के विभिन्न जिलों कांकेर से मीरा आर्ची चौहान, नलिनी बाजपेयी, रायगढ़ से मोनालिसा बोहरा, अजय पटनायक, डिग्रीलाल जगत निर्भीक, रायपुर से देवयानी शुक्ल, एस अरमों,जांजगीर-चांपा से गिरधारी लाल चौहान, दुर्ग से प्रिया गुप्ता, अनुरमा शुक्ल, कोरिया से बिजेन्द्र अहीर, राजनांदगांव से प्रवीण ठाकुर सहित कई साहित्यकारों की इस वर्चुअल व्याकरण शाला में उपस्थित रही। उक्त जानकारी काव्य संसद उपाध्यक्ष डिग्री लाल जगत निर्भीक ने प्रेस के दी।

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