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निविदा खुलने के पूर्व ही पूर्ण हुआ सीएमओ हॉउस में नाली निर्माण, 25 को खुलेगी निविदा पार्ट- 12 

निविदा खुलने के पूर्व ही पूर्ण हुआ सीएमओ हॉउस में नाली निर्माण, 25 को खुलेगी निविदा पार्ट- 12 

डोंगरगढ़- एक तरफ पूरा देश कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रहा है लोगो को दो वक्त की रोटी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही हैं वहीं दूसरी तरफ धर्मनगरी के नाम से विख्यात डोंगरगढ़ में नगर पालिका के अधिकारी कर्मचारी धर्म के मार्ग को छोड़कर अधर्म के मार्ग पर चल रहे हैं। आपातकाल जैसी स्थिति में भी भ्रष्टाचार करने का कोई अवसर नहीं छोड़ रहे हैं। जिसका एक प्रमाण हाल ही में देखने को मिला।
दरअसल कोरोना संकट काल के दौरान अपनी जेबें गरम् करने के लिए नगर पालिका के अधिकारी व इंजीनियर इतने बेताब हैं कि किसी भी काम का प्रस्ताव टेंडर व वर्क ऑर्डर निकलने का भी इंतजार इनसे नहीं हो पा रहा है और कमीशन खाने के चक्कर में बिना किसी प्रस्ताव के ही निर्माण कार्य पूर्ण कर दिया गया है।

कार्य प्रारंभ से पूर्व होता है प्रस्ताव- सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 50 हजार से ऊपर की राशि वाले निर्माण कार्यों का प्राक्कलन तैयार कर पीआईसी में या परिषद में रखा जाता हैं पीआईसी या परिषद में पास होने के बाद कार्य प्रारंभ करवाने के लिए निविदा समिति में भेजा जाता हैं जो समाचार पत्रों में निविदा प्रकाशित कर पंजीकृत ठेकेदारों से बंद लिफाफे में या ऑनलाइन निविदा बुलाई जाती है जिसके बाद निर्धारित तिथि में निविदा खोली जाती हैं निविदा खुलने के बाद उसके दर अनुमोदन के लिए पीआईसी या परिषद में भेजा जाता है तत्पश्चात जिस ठेकेदार के नाम से खोली जाती हैं उसे वर्कआर्डर जारी कर कार्य प्रारंभ करने की अनुमति दी जाती है लेकिन यहाँ पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। ठेकेदार श्याम अग्रवाल(भूत), इंजीनियर विजय मेहरा और सीएमओ हेमशंकर देशलहरा की मिलीभगत से सभी नियमों को दरकिनार करते हुए बिना प्रस्ताव के ही नाली निर्माण पूर्ण कर दिया गया है।

25 जून को लगी खबर 27 जून को निकली निविदा- आपको बता दें कि उक्त नाली निर्माण की खबर 25 जून को प्रकाशित की गई थी जिसके बाद नगर पालिका प्रशासन हरकत में आया और अपनी कारगुजारियों को छुपाने के लिए बैक डेट में 25 जून की तारीख में निविदा निकाल दी गई। उक्त निविदा प्रेसिडेंट इन काउंसिल यानी पीआईसी में पारित प्रस्ताव के आधार पर निकाली गई है। चूंकि नगर पालिका परिषद डोंगरगढ़ में कांग्रेस का बहुमत है इसलिए अधिकतर प्रस्ताव विपक्ष की जानकारी के बिना ही पारित कर दिए जाते हैं। चूंकि देश में मार्च महीने से कोरोना महामारी का संकट मंडराया हुआ है जिसके चलते शासन ने सभी शासकीय बैठकों को निरस्त कर दिया था जिसे 18 जून को आदेश जारी कर शिथिल किया गया यानी 18 जून के बाद यदि पीआईसी की बैठक भी लेना है तो पहले एजेंडा तैयार करना पड़ेगा और पीआईसी के सारे सदस्यों को सूचित करना पड़ेगा तब जाकर दो से तीन दिन बाद पीआईसी की बैठक सम्भव हो सकती हैं लेकिन कांग्रेसी अध्यक्ष से लेकर पार्षदों अधिकारियों को भी कमीशन की कुछ ज्यादा ही जल्दी थी इसलिए 1 जून व 19 जून को पीआईसी की बैठक ले ली गई जो नियमतः विधिवत नहीं थी इसलिए 2 जुलाई को पीआईसी की बैठक आहूत की गई और अन्य कार्यों के साथ इस कार्य की भी स्वीकृति दे गई।

सीएमओ देशलहरा बने भविष्य वक्ता- 25 जून की तारीख में निकाली गई निविदा मे कुल 8 कार्यो को शामिल किया गया है जिसमें सीएमओ निवास में आरसीसी नाली निर्माण लागत 2 लाख 54 हजार रुपये भी शामिल हैं, इस निविदा प्रपत्र प्राप्त करने के लिए आवेदन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 17 जुलाई थी यानी कल शुक्रवार को, परीक्षण उपरांत निविदा प्रपत्र प्राप्त करने की अंतिम तिथि 20 जुलाई, निविदा जमा करने की अंतिम तिथि 25 जुलाई को दोपहर 3 बजे और निविदा खुलने की अंतिम तिथि भी 25 जुलाई को ही दोपहर 3 बजे है। अब सवाल यह उठता है कि नगर पालिका के अधिकारी हेमशंकर देशलहरा को यह कैसे पता चला कि आरसीसी नाली निर्माण का टैंडर श्याम अग्रवाल(भूत) को ही मिलने वाला है जो निविदा खुलने से पहले ही श्याम अग्रवाल से कार्य प्रारंभ करवा दिया और पूरा भी करवा दिया। जब निविदा खुलने की अंतिम तिथि 25 जुलाई है तो निविदा खुलने से पहले ही ठेकेदार श्याम अग्रवाल से कार्य पूर्ण करवाना मुख्य नगर पालिका अधिकारी की योग शक्ति का परिचय देता है जिनके सामने बाबा रामदेव भी फैल है जो इतने वर्षों से योग करने के बाद भी इतनी शक्ति प्राप्त नहीं कर पाए कि भविष्य में होने वाली घटनाओं को जान सके लेकिन सीएमओ हेमशंकर देशलहरा की योग शक्ति कमाल की है। एक भविष्यवाणी आज हम भी कर रहे हैं सीएमओ हॉउस में बनी आरसीसी नाली निर्माण कार्य का टैंडर किसी भी ठेकेदार को मिले पेटी ठेकेदार श्याम अग्रवाल(भूत) ही होगा जो बिना कार्य के राशि श्याम अग्रवाल को निकालकर देगा।

इन कार्यों के लिए निकाली गई निविदा- अध्यक्ष निधि, विधायक निधि व परिषद निधि को मिलाकर लगभग 60 लाख रुपये के विकास कार्यों के लिए नगर पालिका द्वारा निकाली गई निविदा में 9 कार्यों के लिए पंजीकृत ठेकेदारों से बंद लिफाफे में निविदा बुलाई गई है जिसकी अंतिम तिथि 25 जुलाई है। जिसमें 5 लाख रुपये की लागत से सामुदायिक भवन निर्माण वार्ड नं. 3 कायस्थ पारा जबकि इस नाम से नगर में कोई भी मोहल्ला या पारा ही नहीं है। 2 लाख रुपये की लागत से पेंशनर भवन में मरम्मत कार्य मां बम्लेश्वरी पारा जबकि इस नाम से भी नगर में कोई पारा नहीं है, 13 लाख 37 हजार रुपये की लागत से भूरवाटोला स्थित मलीन बस्ती के आवास क्रमांक 1 से 6, 7 से 12 और 13 से 17 में छत निर्माण, 5 लाख 30 हजार रुपये की लागत से वार्ड नं 6 मंदिर के सामने दुकान निर्माण, 5 लाख 30 हजार रुपये की लागत से हाइ स्कूल के सामने दुकान निर्माण, नेहरू कालेज के सामने दुकान निर्माण 12 लाख 25 हजार, सरकारी अस्पताल के सामने दुकान निर्माण लागत 12 लाख 25 हजार, जबकि इसके पूर्व नगर में कई व्यवसायिक परिसर का निर्माण किया जा चुका है जिनका आबंटन लगभग 8 वर्षो बाद भी नहीं किया जा सका तो फिर ऐसे में इन दुकानों के निर्माण का क्या औचित्य। टूरिस्ट लॉज के सामने सीएमओ निवास में आरसीसी नाली निर्माण लागत 2 लाख 54 हजार रुपये।
इसके अलावा वार्ड नं 20 भूरवाटोला IHSDP आवासों मे 1 लाख 45 हजार की लागत से प्लास्टर कार्य भी इस निविदा में शामिल

 

 


इंजीनियर विजय मेहरा के द्वारा अध्यक्ष निधि के कई कार्य बिना किसी टेंडर व वर्कआर्डर प्रारंभ कर दिये गए थे जिसे मीडिया में आने के बाद बंद करवा दिया

 

 

गया था। उसके बाद भी विजय मेहरा द्वारा सबक ना लेते हुए पुनः उसी तरह की गलती को दोहराया गया और सीएमओ हॉउस में बन रही नाली निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया। इसी तरह और भी कई कार्य बिना किसी प्रस्ताव व टेंडर के कोरोना काल में कराये जा रहे हैं जिनकी यदि सूक्ष्मता से जांच की जाये तो बड़े खुलासे हो सकते हैं।

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