हरेली पर्व से होगी गोधन न्याय योजना की शुरूआत
दुर्ग। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में देश की अपनी तरह की अनूठी गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ में हरेली पर्व से 20 जुलाई को प्रारंभ हो रही है। पशुपालकों से गोबर खरीदी की इस महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन के संबंध में आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। कलेक्टर डॉण् सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने भी इस संबंध में जिला स्तरीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
गोबर का क्रय एवं भुगतान की प्रक्रिया के अनुसार गौठान समितियों द्वारा गोबर क्रय किया जाएगा। गौठान समिति गोबर खरीदी के लिए समय का निर्धारण करेगी। गौठान में गोवंशीय एवं भैंसवंशीय पशुपालक से गोबर का क्रय शासन द्वारा निर्धारित दर से किया जाएगा। वर्तमान में शासन द्वारा 2 रूपए किलोग्राम ;परिवहन व्यय सहितद्ध की दर निर्धारित की गई है। पशुपालक गोबर का विक्रय स्वैच्छिक रूप से कर सकेंगे। गोबर की गुणवत्ता हाथ में उठाये जाने लायक अर्धठोस प्रकृति की होगी। गोबर में कांच, मिट्टी प्लास्टिक इत्यादि नही होना चाहिए। गौठान समिति द्वारा पशुपालकों से क्रय किए जा रहे गोबर का लेखा विवरण दो प्रतियों में रखा जाएगा। गोबर क्रय पत्रक का नमूना निर्धारित किया गया है। गोबर क्रय पत्रक में पशुपालक का हस्ताक्षर अनिवार्य रूप से लिया जाएगा। हितग्राहियों से गोबर ही लिया जाएगाए गोबर के कोई उत्पाद यथा कंडा इत्यादि नहीं लिया जाएगा। बायोमॉस ;जैविक अपशिष्टद्ध स्वेच्छा से गौठानों में प्रदाय किया जा सकता हैए परंतु इसके लिए कोई भी राशि देय नहीं होगी।
वर्मी कम्पोस्ट टांका निर्माण.
प्रत्येक गौठान में गोबर की उपलब्धता के अनुसार वर्मी टांका बनाया जाएगा। वर्मी टांका का निर्माण मनरेगा के माध्यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभागए ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा किया जाएगा। नगरीय क्षेत्र में वर्मी टांका का निर्माण संबंधित नगरीय निकायों द्वारा किया जाएगा। जिलावार भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए वर्मी टांका निर्धारित मापदण्ड के अनुसार बनाया जाएगाए ताकि केंचुआ की जीवितता प्रभावित न होए साथ ही वर्मी वॉश इत्यादि का एकत्रीकरण हो सके।