ब्लास्ट फर्नेस आठ के चिलर यूनिट में किए गए मॉडिफिकेशन का सीईओ ने किया उद्घाटन
BHILAI:-सेल के प्रोजेक्ट्स एवं बिजनेस प्लानिंग निदेशक एवं बीएसपी के सीईओ अनिर्बान दासगुप्ता ने भिलाई इस्पात संयंत्र की अत्याधुनिक इकाई ब्लास्ट फर्नेस-8 के चिलर यूनिट में किए गए मॉडिफिकेशन का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर कार्यकारी कार्यपालक निदेशक वक्र्स एस एन आबिदी, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी ब्लास्ट फर्नेसेस एस आर सूर्यवंशी तथा मुख्य महाप्रबंधक ब्लास्ट फर्नेस-8 तापस दासगुप्ता विशेष रूप से उपस्थित रहे।
संयंत्र के सीईओ दासगुप्ता ने इस महत्वपूर्ण मॉडिफिकेशन के लिए ब्लास्ट फर्नेस-8 के सृजनशील टीम को बधाई देते हुए उनका हौसला बढ़ाया। इसके अतिरिक्त कार्यकारी कार्यपालक निदेशक वक्र्स एस एन आबिदी एवं मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी ब्लास्ट फर्नेसेस एस आर सूर्यवंशी ने भी कार्मिकों को नवोन्मेषी कार्य हेतु शुभकामनाएँ पे्रषित की।
सृजनशील टीम के सदस्य
ब्लास्ट फर्नेस-8 के चिलर यूनिट में किए गए मॉडिफिकेशन को मुख्य महाप्रबंधक ब्लास्ट फर्नेस-8 तापस दासगुप्ता के मार्गदर्शन तथा मेकेनिकल मेंटेनेंस के महाप्रबंधक द्वय ए के जोशी व विवेक वर्मा के नेतृत्व में और उप महाप्रबंधक एस के डोकानिया की देखरेख में उप प्रबंधक (मेकेनिकल) सिद्धार्थ नंदा व उनकी टीम एम एस बघेल, नरेन्द्र नांदवानी, हेमंत चन्द्राकर, ए एस पटनायक, रोकश सिंह, अरूण कुमार, जयपाल राठौर, एम मुरलीधर एवं सिविल इंजीरियरिंग डिपार्टमेंट के एस एन चैधरी ने बखूबी अंजाम दिया।
चिलर यूनिट का महत्व
ब्लास्ट फर्नेस-8 के समुचित प्रचालन में चिलर यूनिट की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इस यूनिट के माध्यम से कंट्रोल रूम्स, ईसीआर में लगे पैनल्स को ठंडा रखा जाता है। जिसके चलते इन पैनल्स व कंट्रोल रूम के उपकरणों के तापमान को नियंत्रित रखा जाता है। तापमान के नियंत्रण के कारण इन उपकरणों के बे्रकडाउन में कमी आती है। अत: चिलर यूनिट का सुचारू संचालन आवश्यक हो जाता है।
उल्लेखनीय हो कि ब्लास्ट फर्नेस-8 में चिलर प्लांट में 385 टन की दो मशीनें लगाई गई है। जिनके माध्यम से कुल 36 एयर हैंडलिंग यूनिट को ठंडा किया जाता है। इसके प्रत्येक इकाई में तीन एफआरपी कूलिंग टॉवर्स लगाए गए हैं, इसके कूलिंग वॉटर सर्किट्स के माध्यम से पानी को ठंडा किया जाता है और इस ठंडे पानी के सर्कुलेशन से कंट्रोल रूम्स, ईसीआर व विभिन्न उपकरणों के पैनल्स के तापमान को नियंत्रित करने के लिए भेजा जाता है।
समस्या समाधान के लिए रणनीति
ब्लास्ट फर्नेस-8 के मेकेनिकल, ऑपरेशन तथा सीईडी ने मिलकर इस समस्या से निपटने हेतु एक कारगर रणनीति बनाई। इसके अनुरूप ब्लास्ट फर्नेस-8 के सेकेंडरी कूलिंग सिस्टम में लगे 5 मेन कूलिंग टॉवर्स के हीट लोड की गणना की। तदानुसार इन मेन कूलिंग टॉवर्स का उपयोग एफआरपी कूलिंग टॉवर्स की जगह करने का निर्णय लिया। इस हेतु चिलर यूनिट में लगे एफआरपी कूलिंग टॉवर्स को बॉयपास कर फर्नेस के मेन कूलिंग टॉवर्स से कनेक्ट करने के लिए अलग पाईप लाईन बिछाई गई। इस प्रकार इस नये कनेक्शन के माध्यम से चिलर यूनिट के कूलिंग वॉटर को मेन कूलिंग टॉवर से कनेक्ट कर दिया गया। इसके फलस्वरूप एफआरपी कूलिंग टॉवर्स को निरंतर चलाने की आवश्यकता समाप्त हुई। इन तीनों एफआरपी कूलिंग टॉवर्स को इमरजेंसी में इस्तेमाल किया जा सकेगा।
मॉडिफिकेशन के लाभ
संयंत्र के सृजनहारों की इस टीम ने अपने इनोवेटिव प्रयासों से जहाँ बे्रकडाउन में कमी लाई, वहीं इस मॉडिफिकेशन से ऊर्जा की बचत संभव हुई। जिसके फलस्वरूप प्रति माह संयंत्र के लिए बहुमूल्य मुद्रा की बचत हुई। इसके अलावा उपकरणों की उपलब्धता व विश्वसनीयता में वृद्धि हुई। साथ ही सुरक्षा व हाउसकीपिंग को बेहतर किया जा सका तथा स्पेयर की खपत में कमी आई एवं ब्लास्ट फर्नेस-8 के सुचारू संचालन में मदद मिली।