ग्राम पंचायत करवारी में धारा 144 का खुला उल्लंघन, पंचायत भवन में ताला और सांस्कृतिक मंच में जनप्रतिनिधियों ने ली ग्रामीणों की बैठक
ग्राम पंचायत करवारी में धारा 144 का खुला उल्लंघन, पंचायत भवन में ताला और सांस्कृतिक मंच में जनप्रतिनिधियों ने ली ग्रामीणों की बैठक
डोंगरगढ़- कल हमने अपने पाठकों को देश की अनोखी ग्राम पंचायत करवारी के जनप्रतिनिधियों के कारनामों से अवगत कराया था कि किस तरह गांव के ही एक व्यक्ति के द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगने पर उसे 10 हजार रुपये अर्थदंड और गांव से बहिष्कृत करने की धमकी दी गई वहीं आज हम इस गांव के सरपंच, उपसरपंच व इनका समर्थन करने वाले पंचो के दूसरे कारनामें के बारे में बताते हैं जिसे सुनकर आप भी हतप्रभ हो जायेंगे। जैसा कि हम सभी जानते है कि पिछले तीन माह से देश में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का काला साया मंडरा रहा है जिसके चलते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी गंभीर संवेदनशील मुद्दों पर भी अपने मंत्रियों से सीधे बैठक लेकर चर्चा ना करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा कर रहे हैं क्योंकि जब तक इस बीमारी से बचने का वैक्सीन तैयार नहीं हो जाता तब तक सोशल डिस्टेंसिंग ही इस बीमारी से बचने का एक मात्र उपाय है वहीं दूसरी ओर देश की इस अनोखी ग्राम पंचायत करवारी में ग्रामीणों की मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी पंचायत भवन में तो ताला लगा दिया गया है लेकिन दूसरी ओर इस पंचायत के जनप्रतिनिधियों द्वारा शासन द्वारा लगाई गई धारा 144 का खुला उल्लंघन करते हुए गांव के खुले सांस्कृतिक मंच में ग्रामीणों को एक ही स्थान पर एकत्र कर बैठक ली जाती हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का खुलेआम धज्जियां उड़ाई जाती हैं। बैठक के दौरान किसी ने मास्क लगाया किसी ने नहीं।
ताज्जुब की बात तो यह है कि डोंगरगढ़ कंटेन्मेंट जोन में शामिल है और ग्राम पंचायत करवारी डोंगरगढ़ जनपद पंचायत का ही हिस्सा है जो डोंगरगढ़ से लगा हुआ है उसके बावजूद यहां पर धारा 144 का उल्लंघन करते हुए एक ही स्थान 4 से अधिक लोगो को एकत्र किया गया और बैठक ली गई, बैठक भी जनहित के लिए नहीं बल्कि स्वंम के हित के लिए क्योंकि गांव के ही एक व्यक्ति द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी ��