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उत्तर बोरतलाव में भ्रष्टाचार की सीमा पार, जंगल की रेत से रपटा निर्माण 

सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-उत्तर बोरतलाव में भ्रष्टाचार की सीमा पार, जंगल की रेत से रपटा निर्माण 
डोंगरगढ़- खैरागढ़ वनमंडल के उपवनमण्डल डोंगरगढ़ के अंतर्गत आने वाले वन परिक्षेत्र उत्तर बोरतलाव में इन दिनों भ्रष्टाचार की बाढ़ सी आ गई है जिसके खुलासे लगातार समाचार पत्रो में हो रहे हैं फिर चाहे वह रपटा निर्माण हो, आरडीएफ मद हो, आरडीबीएफ मद या फिर कैम्पा मद में शासकीय राशियों का गबन का मामला हो वन परिक्षेत्र अधिकारी श्री सहारे ने भ्रष्टाचार की हद पार कर दी है। जिन वनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी वन परिक्षेत्र अधिकारी व कर्मचारी पर होती है आज वही अधिकारी कर्मचारी अपनी जेब हरी करने के लिए इन वनों की ही भेंट चढ़ा रहे हैं और चंद रुपयों की खातिर इन वनों की अवैध कटाई करवा रहे हैं।

 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में खोलारघाट से पीपरखार जाने वाले मार्ग में सात नाला के पास लगभग 10 लाख रुपये की लागत से रपटा निर्माण किया जाना था जिसमें जमकर भ्रष्टाचार करते हुए जंगल की ही रेत, मुरुम

 

व मिट्टी का उपयोग कर महज एक लाख रुपये में ही रपटा निर्माण कर दिया गया जबकि स्वीकृत राशि 10 लाख रुपये है। इस कार्य के लिए वन परिक्षेत्र अधिकारी, डिप्टी रेंजर, चौथना सरपंच व करवारी सरपंच सभी ने मिलीभगत कर चोरी की रेत से रपटा निर्माण किया और जंगल के मटेरियल का बिल लगाकर मलाई खाने की योजना बनाई है। सूत्रों ने बताया कि एक ओर बीट गार्ड नन्दकिशोर भुआर्य व करवारी सरपंच नन्दलाल की मिलीभगत से नन्दलाल की बिना नंबर प्लेट वाली ट्रैक्टर से जंगल से रेत निकाली गई जिसका उपयोग रपटा निर्माण किया गया वहीं दूसरी ओर बीट गार्ड नन्दकिशोर भुआर्य जिसका मासिक वेतन महज 25 हजार रुपये है यदि इनकी संपत्ति व रपटा निर्माण की बारीकी से जांच की जाये तो बड़े खुलासे हो सकते हैं।

 

 

 

 

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