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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं: घरों में बच्चों का ले रही वजन और राशन एवं पूरक पोषण आहार का कर रही वितरण

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं: घरों में बच्चों का ले रही वजन और राशन एवं पूरक पोषण आहार का कर रही वितरण
कुपोषण में आयी लगभग 8 प्रतिशत की कमी
नारायणपुरसबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-
नारायणपुर जिले में मुख्यमंत्री सुुपोषण अभियान अन्तर्गत 15 वर्ष से 49 आयु वर्ग की 6528 एनीमिया पीड़ित, 1378 शिशुवती माताओं, 1558 गर्भवती महिलाओं और 05 वर्ष आयु वर्ग के 3306 कुपोषित बच्चों के घरों पर पोषणयुक्त सूखा राशन और रेडी टू इट प्रदाय किया जा रहा है। इस प्रकार जिले के 12770 हितग्राही इससे लाभान्वित हो रहे है। यह अच्छी खबर है कि नक्सल हिंसा प्रभावित जिला होने के बावजूद नौ माह में 126 बच्चे गंभीर कुपोषण से मध्यम कुपोषण की श्रेणी में आयें है। वहीं 740 मध्यम कुपोषित बच्चों ने सामान्य श्रेणी में आने की छलांग लगायी है। कार्यकर्ताएं हितग्राहियों के घरों में पहुंचकर बच्चों का वजन कर रही हैं। साथ ही बच्चों का वजन कर ग्रोथ को जांचा जा रहा है। कोरोना और लॉकडाउन के चलते ये कार्यों लगभग 3 महीनों से प्रभावित थे। गंभीर और कम वजन पाये जाने वाले बच्चों को समीप के पोषण पुर्नवास केन्द्रों में भेजा जायेगा। कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने गंभार कुपोषित बच्चों की काउसलिंग कर पोषण पुनर्वास केन्द्रों (एनआरसी) में लाकर गुणवत्तापूर्ण पोषण आहार देने कहा है।
जिला महिला बाल विकास अधिकारी श्री रविकांत ध्रुर्वे ने बताया कि पहले कुपोषण 31.69 प्रतिशत था। लेकिन वर्तमान में 7.77 प्रतिशत बच्चों में कुपोषण की गिरावट आयी है। अतः अलग-अलग श्रेणियों में कुपोषित बच्चों का प्रतिशत 23.92 रह गया है। इस लक्ष्य को भी पूरा कर लिया जायेगा। पहले 4165 बच्चें कुपोषित थे, बच्चों की संख्या 13140 थी। वर्तमान में 3306 कुपोषित बच्चें है। बच्चों की संख्या 13819 है। उन्होंने पोषणयुक्त सूखा राशन के वितरण के बारे में बताया कि सूखा राशन में दो किलो चावल, 500-500 ग्राम दाल, तेल, आलू और प्याज है। इसके अतिरिक्त मंूगफल्ली चिक्की भी शामिल है। शासन द्वारा आगामी तीन साल में छत्तीसगढ़ को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वितरण करने वाली महिला कार्यकर्ताओं द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जा रहा। पीड़ित महिलाओं और शिशुवती माताओं को भी कोरोना वायरस के तहत बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी बताया जा रहा है।
मालूम हो कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य से कुपोषण एवं एनीमिया को जड़ से समाप्त करने का संकल्प विगत वर्ष 2 अक्टूबर 2019 लिया था और इस योजना की शुरूआत की थी। इस अभियान के तहत राज्य के कुपोषित एवं एनीमिया पीड़ितों को उनकी रूचि एवं शारीरिक आवश्यकताओं के अनुरूप प्रतिदिन निःशुल्क पोषणयुक्त भोजन की व्यवस्था की जा रही थी। किन्तु कोरोना वायरस ( कोविड-19) संक्रमण के कारण भोजन की व्यवस्था अस्थायी तौर पर बंद कर दी गयी है। राज्य शासन ने एनीमिया पीड़ित महिलाओं को गरम भोजन के बजाय सूखा राशन देने का फैसला लिया है ।
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