छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

Bhilai:जनस्वास्थ्य अभियात्रिकी विभाग, क्वारेंटाइन सेंटर्स के सुचारू संचालन में निभा रहा है सराहनीय भूमिका

भिलाई। वैश्विक महामारी कोविड-19(COVID19) के दौरान पूरी दुनिया भर में यह नारा दिया जा रहा है कि यदि कोरोना से बचना है तो घर पर ही रहना होगा तभी हम कोरोना को हरा सकते हैं। इस अप्रत्याशित समय और अनगिनत चुनौतियों के साथ सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के नगर सेवाएं विभाग के जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग विगत दो महीनों से सक्रिय है।

जब भिलाई टाउनशिप में क्वारेंटाइन सेंटर बनाने का निश्चय किया गया तब सेक्टर-3 के हॉस्टल-3 में क्वारेंटाइन सेन्टर में 24 घंटे पानी की सुविधा की व्यवस्था की गई। सेक्टर-1 और 3 के कार्मिक सतीश साहू एवं एस रमेश ने बताया कि कई साल से बंद पड़े हॉस्टल को 24 घंटे पानी देना चुनौती भरा कार्य था। सीमित संसाधन एवं 50 प्रतिशत मेनपावर में कम समय में कार्य का निष्पादन किया गया। इसी प्रकार क्वारेंटाइन सेन्टर के सीवरेज की पूरी प्रणाली को व्यवस्थित तरीके से चालू किया गया। उन्होंने बताया की कई वर्षों से बंद पड़े सीवर लाइन को बिना कोई रुकावट के ठीक किया गया चूँकि क्वारेंटाइन सेन्टर में सफाई का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण था इसलिए अधिकारियों की विशेष मार्गदर्शन से पानी एवं सिवरेज को ठीक किया गया।

जब क्वारेंटाइन सेंटर के दूसरे माले में पानी नहीं चढऩे की शिकायत आयी तो जोनल इंचार्ज श्री डी सी सिंह ने इसका एनालिसिस कर आसपास के इलाकों में पानी के समय में थोड़ा सा फेरबदल कर तुरंत इसका निदान किया।

सेक्टर-4 के कार्मिक (एस बंजारे) एवं आर मूर्ति ने बताया कि सेक्टर-4 बोकारो हॉस्टल को क्वारेंटाइन सेन्टर बनाया गया है। यहाँ अन्य कार्य के अलावा विशेष  रूप से पानी की आपूर्ति 24 घंटा किया गया। कोरोना वायरस के सफाई से संबंधित विविध कार्य किये गये। सफाई कार्यों को ध्यान में रखते हुए ही कम समय में सीवरेज लाइन की साफ सफाई करते हुए सुचारू रूप से सीवरेज प्रणाली को उपयोगी बनाया गया। चूँकि यह कार्य लॉकडाउन के कारण बहुत ही जिम्मेदारी भरा था लेकिन अधिकारियों के सहयोग से तत्परतापूर्वक 36 कमरे के क्वारेंटाइन सेन्टर को उपयोग के लिए उपलब्ध करा दिया गया।

उप प्रबंधक (जनस्वास्थ्य अभियाँत्रिकी-पूर्व) अरूण दास ने बताया की सेक्टर-3 एवं सेक्टर-4 के क्वारेंटाइन सेन्टर के कार्य कम समय में कम संसाधनों के कारण सफलतापूर्वक निष्पादन करना बहुत ही चुनौतियों भरा था, किन्तु उच्च अधिकारियों के सुझावों ने जनस्वास्थ्य अभियांँत्रिकी के कार्यों को निष्पादित करने में काफी योगदान दिया। यह कार्य मुख्य महाप्रबंधक (नगर प्रशासन) श्री पी के घोष एवं महाप्रबंधक (नगर सेवाएँ) श्री मोहन देशपांडे के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपादित किया गया।

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