गौ-वंशीय तथा भैंस-वंशीय पशुओं को भूजन्य रोगों से बचाव हेतु वर्षा-ऋतु प्रारंभ होने के पूर्व 15 जून तक रोग प्रतिबंधात्मक टीकाकरण पूर्ण करने के आदेश
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कवर्धा 22 मई 2020। पशुधन विकास विभाग, छत्तीसगढ़ द्वारा गौ-वंशीय तथा भैंस-वंशीय पशुओं को भूजन्य रोगों जैसे गलघोंटू एवं एक-टंगिया से बचाव हेतु वर्षा-ऋतु प्रारंभ होने के पूर्व 15 जून तक रोग प्रतिबंधात्मक टीकाकरण पूर्ण करने के आदेश प्रसारित किए गए हैं। इस आदेश के तारतम्य में जिले में स्थित पशु चिकित्सालयों तथा पशु औषधालयों के स्तर पर टीकाकरण दलों का गठन कर रोग प्रतिबंधात्मक टीकाकरण का कार्य संपादित किया जा रहा हैं। गलघोंटू अधिक आयु के गौ-वंशीय तथा भैंस-वंशीय पशुओं में होने वाली अत्यंत ही घातक जीवाणु जनित बीमारी है, जिसमें तेज बुखार, गले के निचले हिस्से में सूजन, गले से घर्र-घर्र की आवाज तथा निमोनिया के लक्षण होते हैं। इसी प्रकार एक-टंगिया रोग कम आयु के पशुओं में होने वाला जीवाणु जनित घातक रोग है, इसमें तेज बुखार, लंगड़ापन, प्रभावित पैर के मांस-पेशियों को दबाने पर बुलबुलों के फूटने जैसी आवाज आना, इत्यादि जैसे लक्षण परिलक्षित होते हैं। समय पर उपचार नहीं मिलने पर पशुओं की मृत्यु हो जाती है, इससे पशुपालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 में जिला कबीरधाम में गलघोंटू रोग हेतु 2.99 लाख पशुओं तथा एक-टंगिया रोग हेतु 1.60 लाख पशुओं के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। टीकाकरण कार्य संपादित करने के आदेश प्रसारित होने के साथ ही मैदानी अमले त्वरित गति से रोग प्रतिबंधात्मक टीकाकरण संपादित करने में जुट गए हैं। पशुधन विकास विभाग, जिला कबीरधाम के द्वारा अपने मैदानी अमलों के माध्यम से पशु पालकों से यह लगातार अपील की जा रही है कि, अपने पशुओं का टीकाकरण निर्धारित समय पर करावें, अन्यथा वर्षा-ऋतु प्रारंभ होने के पश्चात् संक्रमण के कारण पशु हानि होने की आशंका बनी रहती है।