Happy Eid 2020: ईद का दिन है गले मिल लीजे, दोस्तों और रिश्तेदारों को शायराना अंदाज में दें मुबारकबाद | rest-of-world – News in Hindi
-ईद का दिन है गले मिल लीजे
इख़्तिलाफ़ात हटा कर रखिए. (अब्दुल सला)
– देखा हिलाल-ए-ईद तो आया तेरा ख़याल
वो आसमाँ का चाँद है तू मेरा चाँद है. (अज्ञात)
-ईद का दिन है गले आज तो मिल ले ज़ालिम
रस्म-ए-दुनिया भी है मौक़ा भी है दस्तूर भी है. (क़मर बदायुनी)
तुझ को मेरी न मुझे तेरी ख़बर जाएगी
ईद अब के भी दबे पाँव गुज़र जाएगी. (ज़फ़र इक़बाल)
-फ़लक पे चाँद सितारे निकलने हैं हर शब
सितम यही है निकलता नहीं हमारा चाँद. (पंडित जवाहर नाथ साक़ी)
-जिस तरफ़ तू है उधर होंगी सभी की नज़रें
ईद के चाँद का दीदार बहाना ही सही. (अमजद इस्लाम अमजद)
-कहते हैं ईद है आज अपनी भी ईद होती
हम को अगर मयस्सर जानाँ की दीद होती. (ग़ुलाम भीक नैरंग)
-उस से मिलना तो उसे ईद-मुबारक कहना
ये भी कहना कि मिरी ईद मुबारक कर दे. (दिलावर अली आज़र)
-ईद अब के भी गई यूँही किसी ने न कहा
कि तिरे यार को हम तुझ से मिला देते हैं. (मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी)
-ऐ हवा तू ही उसे ईद-मुबारक कहियो
और कहियो कि कोई याद किया करता है. (त्रिपुरारि)
-माह-ए-नौ देखने तुम छत पे न जाना हरगिज़
शहर में ईद की तारीख़ बदल जाएगी. (जलील निज़ामी)
-जो लोग गुज़रते हैं मुसलसल रह-ए-दिल से
दिन ईद का उन को हो मुबारक तह-ए-दिल से. (ओबैद आज़म आज़मी)
-शहर ख़ाली है किसे ईद मुबारक कहिए
चल दिए छोड़ के मक्का भी मदीना वाले. (अख़्तर उस्मान)