देश दुनिया

Lockdown: बर्ड वाचर अब zoom पर जुड़कर ले रहे हैं परिंदों का ज्ञान, now bird watchers getting bird species knowledge from zoom meeting-Bat-COVID-19 pandemic lockdown-dlop | nation – News in Hindi

Lockdown: बर्ड वाचर अब zoom पर जुड़कर ले रहे हैं परिंदों का ज्ञान

लॉकडाउन में क्या कर रहे हैं परिंदों के प्रेमी (फोटो: N.shiva kumar )

विशेषज्ञ मान रहे हैं लॉकडाउन में सुकून की वजह से बढ़ जाएंगे पक्षी, कुछ बर्ड ग्रुप रोजाना पक्षियों के बारे में कर रहे हैं वेबिनार, लॉकडाउन से पहले बर्ड वाचिंग करते थे विशेषज्ञ

नई दिल्ली. लॉकडाउन (lockdown) से पहले हर रविवार पक्षी विशेषज्ञों का दल किसी न किसी बर्ड सेंचुरी में बर्ड वाचिंग (bird watching) के लिए पहुंचता था. लेकिन अब इस तरह के कार्यक्रम बंद हैं. इसलिए पूरी दुनिया के बर्ड एक्सपर्ट अब जूम (bat ) पर जुड़कर एक दूसरे से अलग-अलग पक्षियों की जानकारी साझा कर रहे हैं. ताकि, इस काम में लोगों की दिलचस्पी कायम रहे. हर पक्षी का बिहेवियर अलग होता है इसलिए उनके अलग-अलग विशेषज्ञ हैं. अमेरिकन म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री की अगुवाई में किए गए एक शोध से पता चलता है कि दुनिया में लगभग 18,000 पक्षी प्रजातियां हैं.

पक्षी विशेषज्ञ एन. शिवकुमार (N.shiv kumar) ने बताया कि देश-दुनिया के एक्सपर्ट आजकल ऑनलाइन क्लास के जरिए एक दूसरे को अलग-अलग पक्षियों की विशेषता बता रहे हैं.  यह अपने आप में काफी दिलचस्प अनुभव है. लॉकडाउन की वजह से इन दिनों बर्ड वाचिंग बंद है. दिल्ली बर्ड ग्रुप हर रविवार और कोट्टायम नेचर सोसायटी जैसे कई ग्रुप रोजाना क्लास लगा रहे हैं. कुछ बर्ड सेंचुरी भी इन दिनों बर्ड वाचर्स को वहां की लाइव वीडियो भेज रहे हैं कि ताकि पता चले कि आजकल वहां परिंदे क्या कर रहे हैं.

पूछे जा रहे हैं किस तरह के सवाल 

चमगादड़ (Bat) पक्षियों की श्रेणी में नहीं आता, फिर भी आजकल विदेशी विशेषज्ञों से चमगादड़ों पर अक्सर सवाल होते हैं. इन पक्षी विशेषज्ञों की आम राय है कि चमगादड़ों को पत्रकारों ने खलनायक बना दिया. जबकि यह नेचर के लिए जरूरी है. इन पर दो मीटिंग हो चुकी है. कुछ दिनों में इस पर इंटरनेशनल वेबिनार होगा.

COVID-19, coronavirus, birds, lockdown, कोरोना वायरस, लॉकडाउन से पक्षियों को लाभ, bird watcher, bird species in world, zoom meeting, Bat, बर्ड वॉचर, दुनिया में पक्षियों की कुल प्रजाति, जूम मीटिंग, चमगादड़, Biodiversity, जैव विविधता

लॉकडाउन में पक्षियों को बहुत सुकून मिला है (फोटो: N.shiva kumar )

यह भी चर्चा हुई है कि अगले साल पक्षियों की संख्या पूरी दुनिया में बढ़ सकती है. क्योंकि उन पर मानव दखल पिछले दो माह से बंद है. COVID-19 के कारण जो लॉकडाउन इस समय है, वह परिंदों के लिए बहुत ही सुकून देनेवाला है.

उधर, दिल्ली में शिवाजी कॉलेज के एन्वायरमेंटल स्टडीज डिपार्टमेंट ने बायोडायवर्सिटी पर इंटरनेशनल वेबिनार किया. इसमें यूरोप और आस्ट्रेलिया के वक्ताओं ने भी बायोडायवर्सिटी पर अपनी रिसर्च और इसका महत्व समझाया.

इन मसलों पर हुई बातचीत 

दिल्ली बर्ड फाउंडेशन ने रिबिल्डिंग द अरावली लैंडस्केप, पशु-पक्षियों पर सुनो कहानी, ब्रिंगिंग बर्ड बैक नाम से वेबिनार किया है. जबकि कोट्टायम नेचर सोसायटी की ओर से नो ऑवर फॉरेस्ट बर्ड, इकोलॉजी एंड कंजरवेशन ऑफ एशियाटिक लॉयन एवं फ्यूचर ऑफ टाइगर कंजरवेशन इन इंडिया विषयों पर विशेषज्ञ बातचीत कर चुके हैं. मधुमक्खियों पर भी दो मीटिंग हो चुकी है.

ये भी पढ़ें: शहरी परिंदों को नहीं सुहाता ध्वनि प्रदूषण, लॉकडाउन के दौरान इन्हें आसानी से मिले सकेंगे जोड़ीदार

सांभर झील में इस बैक्टीरिया की वजह से मर रहे हैं हजारों पक्षी

News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए देश से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.


First published: May 20, 2020, 4:26 PM IST



Source link

Related Articles

Back to top button