lg polymers gas leak cctv footage visakhapatnam andhra pradesh |विशाखापट्टनम गैस लीक का वीडियो आया सामने, हादसे की असली तस्वीर आई सामने | nation – News in Hindi


विशाखापट्टनम ( Visakhapatnam) के विजाग, आरआर वेंकटपुरम गांव में एलजी पॉलिमर इंडस्ट्री (LG Polymer Industry) में जहरीली गैस के रिसाव से 12 लोगों की मौत हो गई थी.
विशाखापट्टनम ( Visakhapatnam) के विजाग, आरआर वेंकटपुरम गांव में एलजी पॉलिमर इंडस्ट्री (LG Polymer Industry) में जहरीली गैस के रिसाव से 12 लोगों की मौत हो गई थी.
7 की मई सुबह 3.47 बजे गैस लीक के चलते पांच गांव इसकी चपेट में आ गए. इसमें साफ दिख रहा है कि कैसे गांवों में जहरीली गैस भर रही है. फुटेज में देखा जा सकता है कि एक शख्स गैस की चपेट में आकर गाड़ी की बोनट पर बेसुध होकर गिर पड़ा. वहीं एक अन्य फुटेज में देखा जा सकता है कि एक महिला बेहोश गिर पड़ती है और रास्ते से ही वापस लौटने लगी.
न्यायालय ने राज्य और केन्द्र सरकार को नोटिस भेजा
वहीं एक अन्य तस्वीर में एक बच्चा गैस की चपेट में आकर तड़प रहा है. यह तस्वीरें वेंकटपुरम गांव में लगे CCTV कैमरे की है. यह फुटेज देखने से उस वक्त वहां के माहौल को महसूस किया जा सकता है. बता दें इस घटना में 45 बच्चों समेत 300 लोगों की तबीयत खराब हो गई थी. बता दें कि अब तक इस घटना में ना तो किसी की जिम्मेदारी तय हुई है और ना ही गिरफ्तारी हुई.बता दें फैक्ट्री से गैस लीक होने की घटना के सिलसिले में पुलिस ने प्रबंधन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और लापरवाही के कारण मौत का मामला दर्ज किया है. वहीं, आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने स्टाइरीन गैस लीक मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य और केन्द्र सरकार को नोटिस भेजा है. साथ ही सवाल किया कि आखिर बसावट के बीच ऐसी फैक्ट्री को काम करने की अनुमति कैसे दी गई.
गैस रिसाव: गृह मंत्रालय ने परामर्श जारी किया
गृह मंत्रालय ने आम जनता को गैस रिसाव के बाद क्या करना है और क्या नहीं करना, इस बारे में एक परामर्श भी जारी किया है. विशाखापत्तनम के कारखाने में स्टीरीन गैस का रिसाव हुआ जिसका कोई रंग नहीं होता और द्रव रूप में इसका उपयोग पॉलीस्टीरीन प्लास्टिक, रबर तथा फाइबर ग्लास बनाने के लिए किया जाता है. प्लास्टिक के पाइप, ऑटोमोबाइल कलपुर्जे आदि बनाने में भी इसे इस्तेमाल में लाया जाता है.
परामर्श के मुताबिक स्टीरीन के संपर्क में आने से आंख, नाक और त्वचा पर जलन, पाचन तंत्र और श्वसन संबंधी समस्याएं लक्षण के रूप में सामने आ सकती हैं. लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और किडनी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं तथा रोगी को अवसाद एवं सिर दर्द जैसे समस्याएं भी हो सकती हैं.
परामर्श में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति गलती से इस ज्वलनशील द्रव स्टीरीन के नजदीक संपर्क में आ जाता है तो उसे अत्यधिक मात्रा में पानी पिलाना चाहिए और उलटी कराने का प्रयास नहीं करना चाहिए. स्टीरीन के संपर्क में आने पर तत्काल आंखों और त्वचा को कम से कम 15 मिनट तक खूब सारे पानी से धोना चाहिए तथा प्रदूषित कपड़े और जूते उतार देने चाहिए.
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First published: May 16, 2020, 2:36 PM IST