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सोने वाले बयान पर विवाद के बाद चव्‍हाण ने याद दिलाई अटल-मोदी सरकार की नीति | maharashtra former CM prithviraj chavan reminds atal government gold monetization scheme to bjp | nation – News in Hindi

सोने वाले बयान पर विवाद के बाद चव्‍हाण ने याद दिलाई अटल-मोदी सरकार की नीति

पृथ्‍वीराज चव्‍हाण ने किया ट्वीट.

महाराष्‍ट्र के पूर्व मुख्‍यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्‍वीराज चव्‍हाण (Prithviraj Chavan) ने मोदी सरकार (Modi Government) को धार्मिक ट्रस्‍टों में रखे सोने (Gold) का उपयोग करने की सलाह दी थी.

नई दिल्‍ली. महाराष्‍ट्र के पूर्व मुख्‍यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्‍वीराज चव्‍हाण (Prithviraj Chavan) मोदी सरकार (Modi Government) को धार्मिक ट्रस्‍टों में रखे सोने (Gold) का उपयोग करने की सलाह देने के बाद संतों और बीजेपी के निशाने पर आ गए. बीजेपी ने कांग्रेस पर भी इस मामले में निशाना साधा. अब खुद को घिरा देख पृथ्‍वीराज चव्‍हाण ने इस मामले में नया दावा पेश किया है. उन्‍होंने वित्‍त राज्‍य मंत्री जयंत सिन्‍हा की ओर से संसद में दिए गए बयान का हवाला देकर कहा कि मंदिरों में रखा सोना इससे पहले भी जमा किया जा चुका है. इसके लिए उन्‍होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मोदी सरकार की नीति याद दिलाई.

बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने बुधवार को सुझाव दिया था कि केंद्र सरकार को इस संकट की घड़ी में देश के सभी धार्मिक ट्रस्‍टों में रखे सोने के भंडार का उपयोग करना चाहिए. उन्होंने कहा था कि कोविड-19 संकट से निपटने के लिए इससे कम से कम 76 लाख करोड़ रुपये की सहायता मिलेगी.

 

इसके बाद वह बीजेपी और साधु-संतों के निशाने पर आ गए थे. पृथ्‍वीराज चव्‍हाण ने अब कहा है कि उनकी सलाह सभी धार्मिक ट्रस्‍टों के लिए थी. पृथ्वीराज चव्हाण ने इसके साथ ही कहा कि वर्ष 1999 में तत्‍कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने गोल्‍ड डिपॉजिट स्‍कीम की शुरुआत की थी.

 

इसके बाद वर्ष 2015 में मोदी सरकार ने इस योजना का नाम बदलकर गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम रख दिया था. वित्‍त राज्‍य मंत्री जयंत सिन्‍हा द्वारा लोकसभा में दिए गए बयान के मुताबिक कई मंदिरों ने अपना सोना डिपॉजिट कर रखा है.

चव्हाण ने पहले ट्वीट किया था, ‘सरकार को देश में सभी धार्मिक ट्रस्टों में पड़े सोने को तुरंत अपने नियंत्रण में ले लेना चाहिए, जिसकी कीमत विश्व स्वर्ण परिषद के अनुसार कम से कम एक ट्रिलियन डॉलर है. सोने को कम ब्याज दर पर सोने के बॉन्ड के माध्यम से लिया जा सकता है. यह एक आपातकालीन स्थिति है.’ संपर्क करने पर, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका विचार बहुत सरल है.

 

उन्होंने कहा कि देश में धार्मिक ट्रस्टों के पास 76 लाख करोड़ रुपये या एक ट्रिलियन डॉलर का सोना पड़ा हुआ है. अगर इन ट्रस्टों से मामूली ब्याज दर पर लिया जाता है, तो इसको निम्न मध्यम और गरीब वर्ग की हालत ठीक करने के लिए खर्च किया जा सकता है.

मामले की गंभीरता को देखते हुए पृथ्वीराज चव्हाण ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि कुछ समाज विरोधी तत्वों ने मेरी बात को तोड़ मरोड़कर समाज में दरार पैदा करने की कोशिश की है.उन्‍होंने कहा कि ​कुछ असामाजिक तत्वों ने मेरे बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया, जिससे लगे कि मैं एक विशेष धर्म को लेकर यह बात कही है. मैं इसके लिए कानूनी सलाह के साथ आगे का फैसला लूंगा. मेरा सुझाव कोई नई बात नहीं है. जब भी कोई राष्ट्र आर्थिक संकट में होता है तो वहां का पीएम सोने का ही सहारा लेता है.

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First published: May 15, 2020, 10:06 PM IST



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