महाराष्ट्र MLC चुनाव के कारण BJP में सामने आई आंतरिक कलह | internal brawl in maharashtra BJP over MLC elections | mumbai – News in Hindi


महाराष्ट्र बीजेपी में आतंरिक कलह.
BJP नेता एकनाथ खडसे (Eknath Khadse) ने विधान परिषद की नौ सीटों के लिए 21 मई को होने वाले चुनाव में उनका नामांकन बाधित करने का आरोप लगाया था.
एक मराठी चैनल से बात करते हुए, पाटिल ने खडसे पर निशाना साधना शुरू किया, जिसके एक दिन पहले उन्होंने भाजपा के अपने सहयोगियों पर राज्य में विधान परिषद के नौ सीटों के लिए 21 मई को होने वाले चुनाव में उनका नामांकन बाधित करने का आरोप लगाया था.
पाटिल ने सीधा निशाना साधते हुए कहा, ‘‘एकनाथ खडसे महाराष्ट्र भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं. वह पार्टी के मौजूदा नेतृत्व के सलाहकार के रूप में काम कर सकते हैं.’’ पाटिल ने खडसे के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि पार्टी ने उन्हें नजरअंदाज किया है और पार्टी के विकास के लिए उनकी सेवाओं को सम्मान नहीं दिया गया.
पाटिल ने पूछा, ‘‘जब खडसे ने लोकसभा और एमएलसी सीटों पर अपनी बहू और बेटे के नामांकन के लिए कुछ भाजपा नेताओं को टिकट देने से इनकार कर दिया था, तो उन्होंने उन लोगों को क्या बताया जो अवसर से वंचित रह गए थे?’’ पाटिल ने कहा कि खडसे पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस पर क्यों आरोप लगाए.पाटिल ने कहा, ‘‘खडसे फडणवीस पर आरोप क्यों लगा रहे हैं? उन्हें समझना चाहिए कि नेतृत्व का मतलब केवल एमएलसी या विधायक या मंत्री बनना नहीं है.’’
गौरतलब है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए 21 मई को होने वाले चुनाव में पार्टी द्वारा उनके नामांकन पर विचार नहीं किए जाने से नाराज हैं. उन्होंने मंगलवार को इसे कुछ नेताओं की साजिश करार दिया और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल पर निशाना साधा.
उल्लेखनीय है कि भाजपा खडसे से 2016 से ही दूरी बनाकर रख रही है तब उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से तत्कालीन देवेंद्र फडणवीस सरकार से इस्तीफा देना पड़ा था. इस बीच, पाटिल के आरोपों का जवाब देते हुए, खडसे ने महाराष्ट्र में पार्टी के आधार का विस्तार करने में उनके योगदान पर सवाल उठाया.
खडसे ने कहा, ‘‘मैंने विधानसभा चुनाव लड़ना तब शुरू किया जब कोई भी राज्य में भाजपा का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार नहीं था. हर कोई भाजपा का उपहास उड़ाता था. पार्टी को तब सेठजी (व्यापारी समुदाय) और भट्टजी (ब्राह्मण) की पार्टी बुलाया जाता था. मेरे जैसे नेता इसे जन-जन तक पहुंचाया. हमने राज्य भर में ओबीसी के बीच पार्टी का आधार बढ़ाया.’’
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First published: May 13, 2020, 9:26 PM IST