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प्रवासी मजदूरों के लिए अब रोजाना 100 श्रमिक स्‍पेशल ट्रेनें चलाएगा रेलवे | indian railways will run 100 shramik special trains daily for migrant workers | nation – News in Hindi

प्रवासी मजदूरों के लिए अब रोजाना 100 श्रमिक स्‍पेशल ट्रेनें चलाएगा रेलवे

प्रवासी मजदूरों के लिए रोजाना 100 ट्रेनें चलाएगा रेलवे.

पांच लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों (Migrant workers) को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए गत एक मई से इस तरह की 468 रेलगाड़ियां (Trains) चलाई गई हैं.

नई दिल्ली. लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान राज्‍य सरकारों के साथ मिलकर प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) को घर पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने फिर बड़ा ऐलान किया है. केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को जानकारी दी गई कि रेलवे (Indian Railways) प्रवासी श्रमिकों को तेजी से उनके गृह राज्य पहुंचाने के वास्ते अब प्रतिदिन 100 ‘श्रमिक स्‍पेशल’ रेलगाड़ियां चलाएगा.

1 मई से चलीं 468 ट्रेनें
केंद्र सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे पांच लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए गत एक मई से इस तरह की 468 रेलगाड़ियां चलाई गई है. इनमें से 363 रेलगाड़ियां अपने गंतव्य स्थल पर पहुंच गई है जबकि 105 रेलगाड़ियां रास्ते में हैं.

इन राज्‍यों में पहुंचीं अब तक 363 ट्रेनेंजो 363 रेलगाड़ियां अपने गंतव्य स्थल पर पहुंची हैं उनमें आंध्र प्रदेश (एक रेलगाड़ी), बिहार (100 रेलगाड़ियां), हिमाचल प्रदेश (एक रेलगाड़ी), झारखंड (22 रेलगाड़ियां), मध्य प्रदेश (30 रेलगाड़ियां), ओडिशा (25 रेलगाड़ियां), राजस्थान (चार रेलगाड़ियां), तेलंगाना (दो रेलगाड़ियां), उत्तर प्रदेश (172 रेलगाड़ियां), पश्चिम बंगाल (दो रेलगाड़ियां) और तमिलनाडु (एक रेलगाड़ी) शामिल हैं.

अब 1700 लोग 1 ट्रेन में जाएंगे
अधिक से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के लिए अब सोमवार से इन श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों से प्रत्येक में 1,200 की जगह लगभग 1,700 यात्रियों को ले जाया जायेगा. केन्द्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने एक बयान में कहा, ‘एमएचए और रेल मंत्रालय ने श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों से प्रवासी श्रमिकों को ले जाये जाने पर आज सुबह एक वीडियो कांफ्रेंस आयोजित की.’

ये कहा गया
बयान में कहा गया है, ‘इसमें राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के नोडल अधिकारियों ने भाग लिया. वीडियो कांफ्रेंस के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की गई और इस बात पर जोर दिया गया कि प्रवासी श्रमिकों को आश्वस्त किया जाना चाहिए कि घर जाने के इच्छुक सभी लोगों की यात्रा के लिए पर्याप्त संख्या में रेलगाड़ियां चलाई जाएंगी.’

सोशल डिस्‍टेंसिंग का नियम
इसमें कहा गया कि प्रवासी श्रमिकों को जल्द से जल्द उनके पैतृक स्थानों पर ले जाने के वास्ते अगले कुछ हफ्तों तक प्रतिदिन सौ से अधिक रेलगाड़ियों को चलाये जाने की उम्मीद है. प्रत्येक श्रमिक विशेष रेलगाड़ी में 24 डिब्बे होते हैं और प्रत्येक में 72 सीट होती हैं. अब तक सामाजिक दूरी बनाये रखने के लिए एक डिब्बे में केवल 54 लोगों को यात्रा की अनुमति दी जा रही है.

रेलवे ने अभी तक विशेष सेवाओं पर होने वाली लागत की घोषणा नहीं की है. अधिकारियों ने संकेत दिये कि रेलवे ने प्रति सेवा लगभग 80 लाख रुपये खर्च किए हैं. इससे पहले सरकार ने कहा था कि सेवाओं की लागत राज्यों के साथ 85:15 के अनुपात पर साझा की गई है.

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First published: May 11, 2020, 6:54 PM IST



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