देश दुनिया

पुलित्जर पुरस्कारों के लिए कश्मीर की नीतियों के खिलाफ 132 लोगों ने लिखा खुला पत्र | letter against pulitzer award- Kashmir | nation – News in Hindi

पुलित्जर पुरस्कारों के लिए कश्मीर की नीतियों के खिलाफ 132 लोगों ने लिखा खुला पत्र

कश्मीर के लिए विवादित क्षेत्र जैसे शब्द का उपयोग गलत

हाल में कश्मीर के तीन पत्रकारों को पुलित्जर पुरस्कार मिला है, जिसमें कश्मीर का जिक्र विवादित क्षेत्र की तरह है. पत्र में लिखा गया कि पुलित्ज़र भारत में झूठी ख़बरों और आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद करे.

नई दिल्ली. देश के 132 ख्यातिनाम लोगों ने पुलित्जर पुरस्कार (Pulitzer Prize) निदेशक मंडल और चयनकर्ताओं को पत्र लिखा है. इसमें कश्मीर (Kashmir) को लेकर पुलित्जर की नीतियों पर सवाल उठाया गया है. पत्र में लिखा गया है- आपकी वेबसाइट पर कश्मीर कवरेज के लिए जिन फोटोग्राफर को पुरस्कार दिया गया है, उस पर आपत्तिजनक टिप्पणी है. लिखा गया है- विवादित क्षेत्र कश्मीर के जीवन की विलक्षण तस्वीरों जब भारत ने संचार माध्यम को बंद कर वहां (कश्मीर) की स्वतंत्रता समाप्त कर दी.’

एसोसिएटेड प्रेस न्यूज एजेंसी के तीन फोटो जर्नलिस्ट को पुलित्जर पुरस्कार के लिए चुना गया है. ये तीन फोटोग्राफर हैं चिन्नी आनंद, मुख्तार खान और यासिर दार. पत्र में इस बात पर आपत्ति जताई गई है कि कश्मीर के लिए विवादित क्षेत्र शब्द का उपयोग किया जाता है. पत्र में लिखा गया है- कश्मीर के लिए ‘विवादित क्षेत्र’ जैसे शब्दों का प्रयोग भारत की सम्प्रभुता और अखंडता पर प्रहार तथा भारतीय संविधान की अवमानना है, क्योंकि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और उसके बारे में कोई विवाद नहीं है.

पत्र में यासीन दार और मुख्तार खान को पुरस्कार देने पर भी आपत्ति जताई गई है. इन दोनों की तस्वीरों के नीचे ‘भारत द्वारा नियंत्रित कश्मीर’ लिखा गया है, जिस पर आपत्ति जताई गई है. पत्र में उदाहरण भी दिया गया है – कश्मीर में 21 मार्च2019को पकिस्तान के दो आतंकवादी अली और हुबेब, जिन्होंने 12 साल के आतिफ और उसके चाचा को उन्हीं के घर में बंधक बना दिया था, मुठभेड़ में मारे गए. 22 मार्च को इस घटना की यासीन दार की एक फोटो के नीचे लिखा है – भारत नियंत्रित कश्मीर में श्रीनगर से उत्तर स्थित हाजिन गांव में 11 वर्षीय बच्चे आतिफ मीर के शव के निकट शोकाकुल कश्मीरी ग्रामीण, भारतीय सुरक्षा बलों ने तीन अलग-अलग मुठभेडों में 5 आतंकवादियों और 11 साल के बंधक बच्चे को भारत नियंत्रित कश्मीर में मार डाला. इस कैप्शन पर आपत्ति जताते हुए पत्र में लिखा गया है कि यह कैप्शन सुरक्षा बलों को बच्चे की मौत के लिए जिम्मेदार बता रहा है. इस उदाहरण के साथ तमाम अखबारों की कवरेज का जिक्र किया गया है.

132 लोगों के हस्ताक्षर वाले इस पत्र में हर क्षेत्र के लोग हैं. इसमें राजनीति से बलबीर पुंज, किरण खेर, पहलवान से राजनेता बने योगेश्वर दत्त हैं. अन्य नामों में प्रभु चावला, केके अग्रवाल, रिटायर मेजर जनरल जीडी बख्शी, केएन पंडिता, प्रोफेसर कुलदीप अग्निहोत्री, सामाजिक कार्यकर्ता दर्शनलाल जैन जैसे लोग शामिल हैं.ये भी पढ़ें : कश्मीर में कर्फ्यू और लॉकडाउन के दौरान कवरेज करने पर मिला 3 फोटोग्राफरों को पुलित्जर पुरस्कार

News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए देश से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.


First published: May 11, 2020, 9:29 AM IST



Source link

Related Articles

Back to top button