देश दुनिया

श्रम कानूनों को ‘कमजोर किए जाने’ के खिलाफ 7 राजनीतिक दलों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा । Seven political parties write to President Kovind over labour law dilution in the time of Covid-19 | nation – News in Hindi

श्रम कानूनों को ‘कमजोर करने’ के खिलाफ 7 राजनीतिक दलों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा

श्रम कानूनों को लेकर 7 राजनीतिक दलों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है (सांकेतिक फोटो)

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) को लिखे पत्र में इन नेताओं ने कहा कि श्रम कानूनों (Labour Laws) को इस तरह से कमजोर करना संविधान (Constitution) का उल्लंघन है.

नई दिल्ली. देश के सात राजनीतिक दलों ने सरकार पर श्रम कानूनों (Labour Laws) को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) को पत्र लिखा और इस मुद्दे पर अपना विरोध दर्ज कराया.

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा, भाकपा-माले (CPI-ML) महासचिव दिपांकर भट्टाचार्य, ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लॉक के महासचिव देबव्रत विश्वास, आरसपी के महासचिव मनोज भट्टाचार्य, राजद (RJD) सांसद मनोज झा और वीसीके (तमिलनाडु का दल) के अध्यक्ष थोल तिरूवमवलवन ने इस पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं.

विपक्षी दलों ने श्रम कानूनों को कमजोर किए जाने को बताया संविधान का उल्लंघन
इन नेताओं ने पत्र में कहा कि श्रम कानूनों को इस तरह से कमजोर करना संविधान (Constitution) का उल्लंघन है.गौरतलब है कि गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और पंजाब ने फैक्ट्री अधिनियम में संशोधन के बिना काम की अवधि को आठ घंटे प्रतिदिन से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया है.

इन राजनीतिक दलों ने आशंका जताई है कि दूसरे राज्य भी ऐसा कदम उठा सकते हैं. इन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के आने से पहले भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) मंदी की तरफ बढ़ रही थी.

लॉकडाउन की शुरुआत से अब तक 14 करोड़ लोगों ने खोया रोजगार
इन राजनीतिक दलों ने अपने पत्र में यह भी कहा, “जिन्होंने अपनी आजीविक खोई है, सरकार ने उनकी मदद के लिए बहुत कम प्रयास किया है. जबसे लॉकडाउन की शुरुआत हुई है, 14 करोड़ लोग अपना रोजगार खो (Job Loss) चुके हैं.”

पत्र में कहा गया है, “स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाकर और हमारे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों और लोगों की जरूरतों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाए, यह महामारी, श्रम अधिकारों को कमजोर करने के लिए आपकी केंद्र और कुछ राज्यों की सरकारों का तर्क बन गई है.”

यह भी पढ़ें: MP और UP के बाद अब गुजरात बदलेगा श्रम कानून, कंपनियों को मिलेगी छूट

News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए देश से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.


First published: May 9, 2020, 12:20 AM IST



Source link

Related Articles

Back to top button