छत्तीसगढ़
मैं जिक्र कर रहा हूं कोरोना फाइटर्स योद्धाओं का अनजान लोगों से जोड़ रहे खून का रिश्ता गजब की बात बेजुबान का भी रख रहें हैं ख्याल

सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-
मैं जिक्र कर रहा हूं कोरोना फाइटर्स योद्धाओं का
अनजान लोगों से जोड़ रहे खून का रिश्ता
गजब की बात बेजुबान का भी रख रहें हैं ख्याल
नारायणपुर
– यही तो वह योद्धा है, जो हर विशम परिस्थितियों में निस्वार्थ भाव से हर तरह की सेवा में जुट जाते हैं। यह योद्धा स्थान, जाति, धर्म से ऊपर उठकर मानव सेवा हेतु सदैव तत्पर रहते है। में जिक्र कर रहा हूं उन कोराना फाइटर्स का, जो अनजान लोगों से खून का रिश्ता जोड़ रहे हैं। बेजुबान जानवरों-मवेशियों के दाना-पानी का भी ख्याल रख रहे है। आवारा मवेशियों चारा पानी के साथ ही जनवारों के खाने-पीने का पक्का इन्तजाम भी कर रहे है।
उनकों नमन करने का मन करता है और मैं नमन करता हूं। कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण को देश मंें फैलने से रोकने हेतु लागू लॉकडाउन के कारण रोजाना कमाने-खाने वालों को घर का भरण-पोशण करना कठिन हो गया। ऐसे जरूरतमंद परिवारों की मदद के लिए जिला और पुलिस प्रशासन की मदद के लिए आगे आये नारायणपुर जिले के कोरोना फाइटर्स। क्या दिन, क्या रात और क्या बे-मौसम बारिश और क्या तूफान यह तो बस मानव सेवा करने में जुटे हुए हैं। स्थानीय युवकों के साथ जिले के पत्रकार बंधु भी मानवता की सेवा में लगे हुए हैं। कुछ पत्रकार हर जरूरी खबरों को जनता तक पहुंचा रहे है। लोगों को कोराना से बचाव के अपने-अपने तरीक से जागरूक करने का काम बखूबी निभा रहे है।
जहां ये फाइटर्स भूखें, जरूरतमंदों को राशन की मदद कर रहे है। वहीं गंभीर रूप बीमार पीड़ित लोंगों को ढूंढ कर ईलाज करवाने में भी पीछे नहीं है। अभी हाल ही में नारायणपुर से सटे गांव देवगांव में सरकारी शिक्षक श्री बत्तीराम कचलाम को उपचार हेतु नारायणपुर अस्पताल भर्ती कराया गया। अस्पताल के डाक्टरों ने उसे अच्छे ईलाज के लिए राजधानी रायपुर के लिए रेफर करने की बात कही। कोराना फाइटर्स पत्रकार डॉ. सैय्यद वली आजाद, बिन्देश पात्र, नरेद्र मेश्राम, अनुराग नाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया पूरी कर निजी वाहन से राजधानी रायपुर के अस्पताल के ईलाज हेतु भेजा। यह शिक्षक काफी दिनों से बीमार था। लॉकडाउन के कारण वह अपना इलाज भी नहीं करा पा रहा था।
नारायणपुर नगरीय क्षेत्र के नयापारा में जरूरतंदों की मदद के लिए किए गए सर्वे के दौरान अकेली बुजुर्ग महिला सबवती जो बुखार से तप रही थी। एम्बूलेस को बुलाकर अस्पताल ले जाकर उपचार कराया। ऐसे अनेक किस्से है, किस-किस का जिक्र करूं। लिखू तो चांद सितारे की दूरी कम पड़ जायेगी। इन्होंने ही नगर में मानसिक रूप से विक्षिप्त चार लोगों को पुलिस की मदद से ढूंढ कर नहला-धुलाकर नये कपड़े और भोजन कराकर बिलासपुर घरौंदा आश्रय गृह भेजने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। तो वहीं एक मां को बच्ची से मिलवाया।
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