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सरकार ने पेट्रोल पर 10 रुपये और डीजल पर 13 रुपये बढ़ाई एक्साइज़ ड्यूटी-Government of India hiked Excise Duty on fuel excise duty on petrol by Rs 10 diesel by 13 rupee per liter | business – News in Hindi

सरकार ने पेट्रोल पर 10 रुपये और डीजल पर 13 रुपये बढ़ाई एक्साइज़ ड्यूटी

पेट्रोल और डीजल पर क्रमशः 13 रुपये और 10 रुपये अधिक चुकाने होंगे.

पेट्रोल पर 10 रुपये और डीजल पर प्रति लीटर 13 रुपये एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई है. हालांकि, इस बढ़ोत्तरी से पेट्रोल और डीजल के खुदरा दामों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि ऑयल मार्केटिंग कंपनी की तरफ से इस नई बढ़ोत्तरी का वहन किया जाएगा.

नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीज़ल पर एक्साइज ड्यूटी (Government of India Hiked excise duty on Petrol) बढ़ा दी है.  पेट्रोल पर 10 रुपये और डीजल पर प्रति लीटर 13 रुपये एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई है. हालांकि, इस बढ़ोत्तरी से पेट्रोल और डीजल के खुदरा दामों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि ऑयल मार्केटिंग कंपनी की तरफ से इस नई बढ़ोत्तरी का वहन किया जाएगा. एक्साइज ड्यूटी रेट में यह बदलाव 6 मई से प्रभावी होगा. आपको बता दें कि तेल के उत्पादन में कोई खास कमी नहीं आई है, इसलिए दुनिया के तेल मार्केट में मंदी है और तेल की कीमतें नीचे गिर गई हैं. भारतीय तेल कंपनियां कम कीमतों पर तेल खरीदकर इसका फायदा उठा रही हैं.

केंद्र सरकार ने घटते अंतराष्ट्रीय भाव का फायदा खुद अपने खजाने में रखा है. इसके लिए उसे एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का सहारा लिया है.

अब तेल कंपनियों को सस्ता कच्चा तेल का फायदा नहीं मिलेगा क्योंकि उन्हें पेट्रोल पर 10 रुपये और डीजल पर रुपये प्रति लीटर की दर से एक्साइज ड्यूटी सरकार को चुकानी पड़ेगी.

एक्साइज ड्यूटी या उत्पाद शुल्क एक तरह का अप्रत्यक्ष करहै. इसे किसी प्रोडक्ट के उत्पादन या मैन्युफैक्चरिंग पर भारत सरकार लगाती है. ये सरकार के राजस्व का अहम जरिया है.हालांकि इस मूल्य वृद्धि को  ऑयल मार्केटिंक कंपनियों (OMCs) से लिया जाएगा, इससे पंप पर ईंधन की खुदरा कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी.

यह अंतर्राष्ट्रीय दरों में गिरावट के हिसाब से अजस्ट हो जाएगी और कीमतों में इजाफा नहीं होगा. ऑयल मार्केटिंग कंपनी के एक अधिकारी ने CNBC से कहा, ‘पेट्रोल और डीजल की MRP जस की तस बनी रहेगी.’

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कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट
कोरोना वायरस और अमेरिका-रूस में एक-दूसरे से ज्यादा तेल उत्पादन की लगी होड़ के कारण कच्चे तेल की कीमत में बड़ी गिरावट दर्ज की जा रही है. इससे पेट्रोल-डीजल की लागत में अच्छी-खासी गिरावट आई है, लेकिन सरकार ने पहले की तरह ही इस बार भी घटते अंतर्राष्ट्रीय भाव का फायदा रोकने का सिलसिला बरकरार रखा है.

कोरोना वायरस संक्रमण के चलते मांग नहीं होने के कारण पिछले माह ब्रेंट क्रूड की कीमत प्रति बैरल 18.10 डॉलर के निम्न स्तर पर पहुंच गई थी. यह 1999 के बाद से सबसे कम कीमत थी. हालांकि इसके बाद कीमतों में थोड़ी वृद्धि हुई और यह 28 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई.

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First published: May 6, 2020, 9:33 AM IST



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