कौन है कश्मीर में खड़ा हुआ ये आतंकी संगठन TRF, जानें पूरी जन्मकुंडली – Know the complete details of this newborn terriorist organization in kashmir | nation – News in Hindi


कश्मीर में तेजी से पैर पसार रह है आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट.
नए आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) को फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स की कार्रवाई से बचाने के लिए बनाया गया है.
बताया जाता है कि नए आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) को फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स की कार्रवाई से बचाने के लिए बनाया गया है. यह भी जानकारी सामने आई है कि यह संगठन कश्मीर में सक्रिय मौजूदा आतंकवादी गुटों का एक मिला-जुला रूप है. बता दें कि टीआरएफ की जिस तरह से ऑनलाइन ब्रांडिंग की जा रही है उसका मकसद दुनियाभर के देशों का ध्यान इस ओर केंद्रित करना है. सूत्रों के मुताबिक, कश्मीर में पनप रहे इस नए आतंकी संगठन को पाकिस्तान का समर्थन है और आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर और अल-बद्र जैसे संगठन इसकी मदद कर रहे हैं. हालांकि अब खबर आई है कि टीआरएफ और हिजबुल मुजाहिदीन के बीच वर्चस्व की लड़ाई छिड़ गई है.
बताया जाता है कि जब से कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा ने अपना नया संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) बनाया है तब से हिजबुल मुजाहिदीन के साथ उसकी ठन गई है. पाकिस्तान की ओर से भी टीआरएफ को ज्यादा मदद मिल रही है. ऐसे में हिजबुल मुजाहिदीन के आकांओं को लगने लगा है कि कश्मीर में उनकी जमीन खिसक रही है. बता दें कि हाल ही में हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर अब्बास शेख ने हिजबुल का साथ छोड़कर टीआरएफ का दामन थाम लिया है. यही कारण है कि टीआएफ और लश्कर अब हिजबुल मुजाहिदीन के निशाने पर हैं.इसे भी पढ़ें : कश्मीर में खड़ा हुआ नया आतंकी संगठन TRF, हंदवाड़ा हमले की ली जिम्मेदारी
हिजबुल से छुपता फिर रहा है अब्बास शेख
आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन को छोड़ने वाला टॉप कमांडर अब्बास शेख इन दिनों पूरी तरह से अंडरग्राउंड हो गया है. सूत्रों के मुताबिक, अब्बास दावा करता है कि उसके साथ 12 ऐक्टिव सदस्य हैं और कई सारे ग्राउंड वर्कर्स भी हैं. अब्बास के बारे में जानकारी देते हुए टीआरफ ने कहा कि कुछ दिन पहले ही हमने हिजबुल मुजाहिदीन को चेतावनी दी थी कि वह कश्मीर पुलिसकर्मियों और नागरिकों को मारना बंद करे लेकिन उसने शोपियां से जम्मू-कश्मीर के एक पुलिसकर्मी का अपहरण कर लिया. जिसके बाद हिजबुल के टॉप कमांडर ने इस आतंकी संगठन का साथ छोड़ने का फैसला कर लिया था. टीआरएफ ने हिजबुल को आगाह किया है कि हमारी लड़ाई भारतीय सुरक्षाबलों से है न की कश्मीरियों से. कश्मीरी हमारे अपने हैं. हमने सोचा था कि हम भारतीय सुरक्षाबलों के साथ एक साल लड़ाई लड़ेंगे लेकिन ये हमारी भूल थी.
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