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N R Narayana Murthy says Lengthy lockdown will kill more people than Covid 19 itself | business – News in Hindi

भारत में लंबा चला लॉकडाउन तो कोरोना वायरस नहीं बल्कि भूख से मरने लगेंगे लोग: नारायण मूर्ति

नारायण मूर्ति

Infosys के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) ने कहा कि भारत में लंबे समय तक लॉकडाउन जारी रखना सही नहीं है. इससे लोगों की जीविका छीन रही है. एक समय ऐसा भी आ सकता है जब संक्रमण से नहीं बल्कि भूखे मरने वाले लोगों की संख्या अधिक हो जाएगी.

नई दिल्ली. भारत में अगर कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन (Lockdown in India) का दौर लंबा चलता है तो कोरोना से नहीं बल्कि लोग भूखे मरने लगेंगे. Infosys के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति (N. R. Narayana Murthy) ने एक वेबिनार में यह बात कही है. मूर्ति ने कहा कि देश को अब कोरोना वायरस को नए नॉर्मल के तौर पर स्वीकार करते हुए सक्षम लोगों को काम पर लौटना चाहिए. वहीं, जिन लोगों को कोरोना वायरस की चपेट में आने की आशंका है, उन्हें इससे बचाना भी चाहिए.

लंबे समय तक जारी नहीं रख सकते हैं लॉडाउन
बुधवार को एक वेबिनार में इंफोसिस के सह-संस्थापक और पूर्व चेयरमैन ने कहा, ‘हमारे लिए यह समझना जरूरी है कि भारत लंबे समय के लिए ऐसी परिस्थिति को जारी नहीं रख सकता है. क्योंकि ​एक समय ऐसा आएगा जब भूखे मरने वाले लोगों की संख्या कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों से ज्यादा हो जाएगी.’ उन्होंने कहा कोविड-19 के कुल पॉजिटिव मामलों में मृत्यु दर 0.25 फीसदी से 0.50 फीसदी के बीच है.

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यह कई विकसित देशों की तुलना में बेहद कम है. लॉकडाउन की वजह से अभी तक भारत कोरोना वायरस को काफी हद तक नियंत्रित करने में सफल रहा है. संक्रमण के रोकथाम में हम कामयाब रहे हैं. बता दें कि भारत में गुरुवार शाम तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 33,610 मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से 24,162 केस पॉजिटिव हैं, जबकि 1,075 लोगों की मौत हो चुकी है. अभी 8,373 लोगों ठीक भी हो चुके हैं.

भारत में हर साल 90 लाख लोगों की मौत
नारायण मूर्ति ने कहा कि भारत में किसी न किसी कारण से हर साल 90 लाख लोगों की मौत होती है. इसमें से एक चौथाई लोगों प्रदूषण की वजह से मरते हैं. उन्होंने कहा, ‘जहां एक साल में 90 लाख लोगों की मौत होती है, वहां पिछले 2 महीने में अगर 1 हजार लोगों की मौत होती है तो हमें इसके लिए उतना परेशान नहीं होना चाहिए, जितना हम हो रहे हैं.

असंगठित क्षेत्र के लोगों पर होगा असर

मूर्ति ने कहा कि असंगठित क्षेत्र में करीब 19 करोड़ लोग कार्यरत हैं. लॉकडाउन की वजह इसके बड़े हिस्से ने अपनी जीविका खो दी है. अगर लॉकडाउन लंबे समय के लिए जारी रहता है तो और भी अधिक लोगों के साथ ऐसा हो सकता है.

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First published: April 30, 2020, 8:47 PM IST



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