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लॉकडाउन में लगा आम आदमी को बड़ा झटका! महंगी हुई खाने की थाली, इन सब चीजों के बढ़े दाम-Covid-19 lockdown Food prices on fire pulses Your food platter gets expensive steep price rise in items | business – News in Hindi

लॉकडाउन में लगा आम आदमी को बड़ा झटका! महंगी हुई खाने की थाली, इन सब चीजों के बढ़े दाम

मार्च महीने के दौरान देश में खाने-पीने की चीजों (Food Inflation) के दाम घट गए थे. लेकिन कोरोना वायरस (Coronavirus Lockdown) की वजह से लगाए गए लॉकडाउन में इनकी कीमतें फिर से बढ़ रही हैं. चावल, दाल, गेहूं आदि जैसे खाने-पीने की की कीमतों में तेजी आई है.

मार्च महीने के दौरान देश में खाने-पीने की चीजों (Food Inflation) के दाम घट गए थे. लेकिन कोरोना वायरस (Coronavirus Lockdown) की वजह से लगाए गए लॉकडाउन में इनकी कीमतें फिर से बढ़ रही हैं. चावल, दाल, गेहूं आदि जैसे खाने-पीने की की कीमतों में तेजी आई है.

नई दिल्ली. देश में लॉकडाउन के बीच आम आदमी के लिए दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रही है. अब महंगाई ने आम आदमी की चिंताएं बढ़ी दी है. IGIDR रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन के 28 दिनों के दौरान कई दालों की कीमत लॉकडाउन से पहले के माह के मुकाबले औसतन लगभग 6 फीसदी बढ़ गई हैं. ज्यादातर खाने के तेल 3.5 फीसदी महंगे हो गए हैं. आलू का भाव 15 फीसदी और टमाटर का 28 फीसदी बढ़ा है. छोटे शहरों में कीमतें ज्यादा बढ़ी हैं. कुछ छोटे शहरों में खुदरा खाद्य कीमतों में 20 फीसदी तक की वृद्धि हुई है.

सबसे ज्यादा कीमतें दाल और खाने-पीने तेल के बढ़े हैं. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक, राजधानी दिल्ली में अरहर दाल की कीमत लॉकडाउन से पहले 93 रुपये प्रति किलो थी. 28 अप्रैल को यह 106 रुपये प्रति किलो दर्ज की गई.

>> चने की दाल की कीमत 72 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 86 रुपये प्रति किलो हो गई है.
>> मसूर दाल की 71 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 81 रुपये प्रति किलो हो गए है.>> सरसों के तेल की कीमत 124 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 132 रुपये प्रति किलो हो गए है.

>> सोया तेल की कीमत 111 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 121 रुपये प्रति किलो पर जा पहुंची है.

ऐसा क्यों हुआ- लॉकडाउन की वजह से शहरी इलाकों में मार्केट्स अव्यवस्थित  हो गई है. अंग्रेजी के अखबार फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आवश्यक चीजों की खरीद और ट्रांसपोर्टेशन को लॉकडाउन से छूट के दिशा-निर्देशों के बावजूद उतनी छूट नहीं मिल पा रही है. IGIDR रिपोर्ट कहती है कि सर्वे संकेत मिले हैं कि लॉकडाउन में 11159 वर्कर्स में से लगभग 96 फीसदी को सरकार से राशन नहीं मिला है. 72 फीसदी का कहना है कि उनका राशन दो दिन में ही खत्म हो गया और 90 फीसदी का कहना है कि उन्हें वेतन/मजदूरी नहीं मिली है.

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First published: April 30, 2020, 11:03 AM IST



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