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आईआईटी छात्रों ने सांस की समस्या से पीड़ित COVID-19 मरीजों के लिए इंट्यूबेशन बॉक्स बनाया – IIT students created intubation box for COVID-19 patients suffering from respiratory problems | delhi-ncr – News in Hindi

IIT छात्रों ने सांस की समस्या से पीड़ित COVID-19 मरीजों के लिए इंट्यूबेशन बॉक्स बनाया

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के छात्रों ने कोविड-19 के उन मरीजों के लिए कम कीमत वाले इंट्यूबेशन बॉक्स विकसित किए हैं. (प्रतीकात्मक फोटो)

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) के छात्रों ने कोविड-19 (COVID-19) के उन मरीजों के लिए कम कीमत वाले इंट्यूबेशन बॉक्स (Intubation Box) विकसित किए हैं, जिन्हें सांस संबंधी तकलीफ है और उन्हें श्वास नली में ट्यूब डालकर इस समस्या से राहत दिलाई जा सकती है.

नई दिल्ली. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) के छात्रों ने कोविड-19 (COVID-19) के उन मरीजों के लिए कम कीमत वाले इंट्यूबेशन बॉक्स (Intubation Box) विकसित किए हैं, जिन्हें सांस संबंधी तकलीफ है और उन्हें श्वास नली में ट्यूब डालकर इस समस्या से राहत दिलाई जा सकती है. इंट्यूबेशन मुंह के जरिए प्लास्टिक की नली को श्वास नली (ट्रैकिया) में पहुंचाए जाने की प्रक्रिया को कहा जाता है. यह इसलिए किया जाता है ताकि एनेस्थीसिया, दर्द निवारक दवा दिए जाने या गंभीर बीमारी के दौरान व्यक्ति को वेंटिलेटर पर रखा जा सके और उसे सांस लेने में दिक्कत न हो.

घटती है डॉक्टर तक विषाणु से भरी बूंदों के पहुंचने की आशंका
आईआईटी गुवाहाटी की ओर से विकसित यह उपकरण एरोसॉल निरोधक बॉक्स है जिसे मरीज के बेड पर सिर की तरफ से रखा जा सकता है, जिससे मरीज से विषाणु से भरी बूंदों के डॉक्टर तक पहुंचने की आशंका घटती है, खासकर नली डाले जाने के दौरान. अनुसंधानकर्ताओं की टीम के मुताबिक, डिजाइन का प्रारंभिक प्रारूप रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) में पूरा किया गया है और इस बॉक्स की अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) समेत बड़े कोविड-19 देखभाल केंद्रों में समीक्षा की जा रही है. यह वर्तमान में मौजूद बॉक्स की कीमत से काफी कम पर उपलब्ध होगा.

मुंह और नाक से निकलने वाले एयरोसॉल को रोका जाएबायोसाइंस विभाग के बीटेक छात्र, उमंग माथुर ने कहा, ‘पावर्ड एयर प्यूरिफाइंग रेस्पिरेटर (संक्रमित हवा से बचाने वाले उपकरण) और पूरी तरह बंद फेस मास्क जैसे निजी सुरक्षात्मक उपकरणों (पीपीई) के अभाव में, यह आवश्यक है कि अस्थायी एक्रलिक फेस शील्ड, एन-95 मास्क और सर्जिकल रेस्पिरेटर के इस्तेमाल को स्वीकारा जाए और मरीज के मुंह और नाक से निकलने वाले एयरोसॉल को रोका जाए. इंट्यूबेशन बॉक्स मरीज के आस-पास ही संक्रमण को सीमित रख यह बचाव सुनिश्चित करता है.’ उन्होंने कहा कि अन्य सुरक्षात्मक उपकरणों के उलट यह बॉक्स मरीज का इलाज कर रहे कई डॉक्टरों और नर्सों के लिए प्रभावी तरीके से काम करता है.

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First published: April 28, 2020, 5:28 PM IST



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