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कोरोना वायरस: प्लाज्मा थेरेपी पर बोले महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री- हमें मिल रहे अच्छे नतीजे | we have seen good results of plasma therapy on two covid19 patients maharashtra health minister rajesh tope | maharashtra – News in Hindi

कोरोना वायरस: प्लाज्मा थेरेपी पर बोले महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री- हमें मिल रहे अच्छे नतीजे

देश के विभिन्न अस्पतालों में प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना वायरस संक्रमण का उपचार किये जाने के प्रयोग चल रहे हैं.

सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर अभी तक कोई अप्रूव थेरेपी नहीं है. प्लाज्मा थेरेपी (Plasma Therapy) को लेकर प्रयोग चल रहे हैं. जिसे लेकर महाराष्ट्र (Maharashtra) के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि हमें थेरेपी के अच्छे नतीजे देखने को मिल रहे हैं.

मुंबई. देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप जारी है. महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. राज्य में अब तक 8590 लोग संक्रमित पाए गए हैं. जबकि 369 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. देश भर में गंभीर मरीजों को ठीक करने के लिए प्लाज्मा थेरेपी (Plasma Therapy) का इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं मंगलवार को सरकार ने कहा कि कोविड-19 (Covid-19) को लेकर अभी तक कोई अप्रूव थेरेपी नहीं है. प्लाज्मा थेरेपी को लेकर प्रयोग चल रहे हैं. जिसे लेकर महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि हमें थेरेपी के अच्छे नतीजे देखने को मिल रहे हैं.

‘2 मरीजों में दिख रहे अच्छे परिणाम’
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे (Maharashtra’s Health Minister Rajesh Tope) ने कहा कि मैंने नहीं सुना है कि आईसीएमआर ने आज प्लाज्मा थेरेपी पर क्या सुझाव दिया. लेकिन हमें जानकारी है कि आईसीएमआर की अनुमति के बाद हम इसे प्रायोगिक आधार पर इस्तेमाल कर रहे हैं. हमने 2 मरीजों पर इसके अच्छे परिणाम देखे हैं. बता दें आईसीएमआर की ओर से महाराष्ट्र को हाल ही में प्लाज्मा थेरेपी करने की इजाजत मिली है.

गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस संक्रमण के प्लाजमा थैरेपी से संभावित इलाज के बारे में मंगलवार को स्पष्ट किया कि उपचार की यह पद्धति अभी प्रयोग के दौर में है और ऐसी किसी भी पद्धति को मान्यता नहीं दी गयी है.थेरेपी को लेकर किए जा रहे दावे गलत

स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल (Lav Aggarwal) ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि परीक्षण के दौर से गुजर रही प्लाजमा थैरेपी के बारे में अभी तक पुष्ट प्रमाण नहीं मिले हैं जिनके आधार पर यह दावा किया जा सके कि इस पद्धति से कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज किया जा सकता है. उन्होंने प्लाज्मा पद्धति से कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज को लेकर किये जा रहे दावों को गलत बताते हुये स्पष्ट किया कि इस तरह की किसी पद्धति को अभी मान्यता नहीं दी गयी है.

उल्लेखनीय है कि देश के विभिन्न अस्पतालों में प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना वायरस संक्रमण का उपचार किये जाने के प्रयोग चल रहे हैं. इस पद्धति से इलाज संभव होने के दावों के बीच मंत्रालय ने स्थिति को स्पष्ट करते हुये यह जानकारी दी है.

जीवन के घातक साबित हो सकती है थेरेपी
अग्रवाल ने प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के दावों को भ्रामक और गैरकानूनी बताते हुये कहा कि फिलहाल यह पद्धति प्रयोग एवं परीक्षण के दौर में है. उन्होंने कहा कि ऐसी किसी भी पद्धति से कोरोना वायरस के संक्रमण का इलाज करना मरीज के जीवन के लिये घातक साबित हो सकता है.

प्लाज्मा थैरेपी के तहत संक्रमण मुक्त हो चुके व्यक्ति के शरीर से प्लाज्मा लेकर कोविड-19 के गंभीर रूप से बीमार मरीज के शरीर में चढ़ाया जाता है.

(भाषा के इनपुट के साथ)

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First published: April 28, 2020, 9:09 PM IST



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