Lockdown: इलाज न मिलने से गर्भवती महिला व बच्चे की मौत का आरोप, डीएम ने दिए जांच के आदेश | Lockdown: charge of death of pregnant woman and child due to lack of treatment, DM Mathura orders inquiry | mathura – News in Hindi


लॉकडाउन में मेडिकल सुविधा न मिलने से मां-बच्चे की मौत का आरोप (प्रतीकात्मक तस्वीर)
परिजनों का आरोप है कि कई घण्टे की मशक्कत के बाद भी पुलिस ने उनकी नहीं सुनी. लंबे समय तक मेडिकल हेल्प न मिलने से उसे ब्लीडिंग होने लगी. तब वे लोग उसे एक हाथ रिक्शा में डालकर किसी प्रकार जिला अस्पताल ले गए. वहां डॉक्टरों ने उसे भर्ती करने से मना करते हुए सीधे आगरा ले जाने को कह दिया गया…
पुलिसकर्मियों ने नहीं की मदद!
परिजनों का आरोप है कि उन्होंने गली पर तैनात पुलिसकर्मियों से मदद की गुहार लगाई लेकिन उन्होंने उनकी एक न सुनी. इसके बाद जब वो किसी तरह रिक्शा में लेकर उसे जिला अस्पताल पहुंचे तो वहां भी चिकित्सकों ने उसे भर्ती न कर आगरा रेफर कर दिया. वहां एक निजी अस्पताल में बच्चे के जन्म के साथ ही जच्चा व बच्चा की मृत्यु हो गई. मथुरा जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं. डीएम ने बताया कि उन्हें शिकायतें मिली हैं कि जिला अस्पताल से कई मरीजों को बिना इलाज के लौटाया गया है. हमने इसे कर्तव्य पालन में लापरवाही मानते हुए गंभीरता से लिया है तथा सिटी मजिस्ट्रेट को पूरे प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है. महिला व बच्चे की मौत मामले के सवाल पर जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि पुराने शहर के सील किए गए क्षेत्र में जिस गली के परिवार में यह घटना घटी है, उस गली पर रविवार को तैनात पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी जांच कर कार्रवाई करने को एसएसपी से कहा गया है.
शायद मां व बच्चे की जान बच जातीगौरतलब है कि भरतपुर गेट इलाके के मेवाती मोहल्ला निवासी पल्लेदार लाला की पत्नी परवीना गर्भवती थी. परिवार का आरोप है कि परवीना को रविवार की सुबह दर्द उठने लगा तो उन लोगों ने उसे अस्पताल ले जाने की इजाजत मांगी. जिस पर पुलिसकर्मियों ने मना कर दिया. तब उन्होंने एंबुलेंस आदि कोई अन्य सहायता के लिए गुहार लगाई. लेकिन उन्होंने एक न सुनी. आरोप है कि कई घण्टे की मशक्कत के बाद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. लंबे समय तक मेडिकल हेल्प न मिलने से उसे ब्लीडिंग होने लगी. तब वे लोग उसे एक हाथ रिक्शा में डालकर किसी प्रकार जिला अस्पताल ले गए. वहां डॉक्टरों ने उसे भर्ती करने से मना करते हुए सीधे आगरा ले जाने को कह दिया गया. वे लोग उसे एंबुलेंस में आगरा ले गए. जहां बमुश्किल एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन अत्यधिक रक्तस्राव के चलते उसकी हालत बेहद नाजुक थी. उसने बच्चे को जन्म दिया. जिसके कुछ ही पलों बाद उसकी व बच्चे की मौत हो गई. सोमवार को वे दोनों के शव लेकर वापस लौटे. वार्ड संख्या 38 की पार्षद शाहिदा का भी कहना है कि यदि पुलिसकर्मी उन्हें समय पर अस्पताल पहुंचा देते अथवा जाने देते तो शायद मां व बच्चे की जान बच जाती. (भाषा-इनपुट)
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First published: April 29, 2020, 12:09 AM IST