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लॉकडाउन पर पर बोले CJI जस्टिस बोबडे- बिना लंबे कोर्ट और मंडली के भी हो सकता है न्याय-Justice can be done without robes or congregation says Chief Justice of India Justice S A Bobde | nation – News in Hindi

लॉकडाउन पर पर बोले CJI जस्टिस बोबडे- बिना लंबे कोर्ट और मंडली के भी हो सकता है न्याय

भारत के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे

प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे (Chief Justice of India S A Bobde) का कहना है कि कोरोना वायरस से कोर्ट के कामकाज पर काफी ज्यादा असर पड़ा है.

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को फैलने रोकने के लिए देश भर में इन दिनों 3 मई तक लॉकडाउन लागू है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का भी कामकाज प्रभावित हो रहा है. इन दिनों वीडियो लिंक के जरिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. भारत के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे (Chief Justice of India S A Bobde) ने कहा है कि कामकाज में परेशानी जरूर हो रही है, लेकिन उन्हें भी हालात के साथ काम करना पड़ता है. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि ये जरूरी नहीं है कि कोर्ट की सुनवाई के दौरान जज और वकील लंबे कोर्च पहन कर आए और सामने लोगों की मंडली हो.

दिक्कतों के बाद भी हो रहा है कामकाज
जस्टिस बोबडे ने कहा कि पुराने और वरिष्ठ जजों को थोड़ी परेशानी जरूर हो रही है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और ई-फायलिंग जैसी चीजों के साथ उन्हें काम करने थोड़ी दिक्कत हो रही है. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि जनता, न्यायाधीशों और वकीलों ने महसूस किया है कि न्याय के लिए इतनी बड़ी मंडली की आवश्यक नहीं हैं. अब संक्षिप्त, सटीक तर्क, मौखिक या लिखित के महत्व ज्यादा हो गए हैं.

लोगों को हो रही परेशानी पर हमारी नजरजस्टिस बोबडे का कहना है कि कोरोना वायरस से कोर्ट के कामकाज पर काफी ज्यादा असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि इस साल जनवरी में हर दिन 205 केस फाइल होती थी यानी एक महीने में करीब 4108. लेकिन अप्रैल के महीने में सिर्फ 305 ई-फायलिंग हुई है. उन्होंने ये भी कहा कि संकट की इस घड़ी में कोर्ट की जिम्मेदारी काफी बढ़ गई है. बोबडे ने कहा, ‘हमने सरकार से पूछा है कि वो लॉकडाउन के दौरान किस तरह के कदम उठा रहे हैं. लोगों के खाने-पीने से लेकर प्रवासी मजदूरों के रहने के इंतजाम सारी चीजों पर हमारी नजर है.’

संकट के समय मिलकर काम करें
उन्होंने कार्यपालिका पर अपना विश्वास भी जताया और कहा कि कार्यपालिका लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डाल सकती और जब भी ऐसा होगा, हम हस्तक्षेप करेंगे. CJI बोबडे ने संकट के समय लोकतंत्र के तीनों अंगों के मिलकर काम करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा, “संकट के समय तीनों अंगों को साथ मिलकर काम करना चाहिए.’

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First published: April 28, 2020, 10:37 AM IST



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