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आलीशान होटल से बढ़कर है उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग की खुफिया ट्रेन facts about kim jong un north korea dictator special train | knowledge – News in Hindi

5 अप्रैल को उत्तर कोरिया (North Korea) के नेशनल हॉलीडे (national holiday) के कार्यक्रम में किम जोंग उन (Kim Jong Un) के शामिल न होने के बाद से तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. जैसे कई दिनों तक ये कहा जाता रहा कि की हार्ट सर्जरी हुई है, जो असफल रही. इसके बाद उनके ब्रेन डेड (brain dead) होने की बातें भी आने लगीं. यहां तक कि किम के बाद सत्ता कौन संभालेगा, इसपर भी कयास लगने लगे. इधर हाल ही में साउथ कोरिया की मीडिया ने दावा किया है कि किम स्वस्थ हैं और कोरोना के खौफ से वे राजधानी प्योंगयांग के बाहर एक रिजॉर्ट में ठहरे हुए हैं. इसी के आसपास किम की खास ट्रेन की सैटेलाइट इमेज भी 15 अप्रैल को दिखाई दी. ये किम की खास 6 ट्रेनों में से एक ट्रेन है.

माना जाता है कि किम जोंग के पिता किम जोंग इल के पास 6 लक्जरी ट्रेनें थीं, जिनमें कुल मिलाकर 90 कोच थे. सारे ही कोच बुलेटप्रूफ और साथ ही सारी सुविधाओं से युक्त थे. हवाई यात्रा नापसंद करने वाला तानाशाह खानदान ट्रेन से ही यात्रा करता है. और बाकी वक्त ये ट्रेनें देश की राजधानी प्योंगयांग (Pyongyang) के रेलवे स्टेशन में खड़ी रहती हैं. ये रेलवे स्टेशन किम की खास ट्रेनों के लिए बड़े 19 खुफिया स्टेशनों में से एक है, जिसपर हमेशा कड़ी चौकसी होती है. कयास लगा रहे हैं कि तीन ट्रेनों के समूह में यात्रा के लिए जाने जाते किम जोंग को छोड़ने के बाद बाकी दो ट्रेनें अपने खुफिया स्टेशन लौट आई होंगी. वहीं एक ट्रेन रिजॉर्ट के पास खड़ी है.

किम जोंग की खुफिया ट्रेन लगभग 250 मीटर लंबी और सारी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है

किम के पिता और दादा ने भी कीं ट्रेन से ही यात्राएंउत्तर कोरिया के मामलों पर अध्ययन कर रही एक वेबसाइट 38 North ने ये सैटेलाइट इमेज जारी की. इमेज में दिख रही ट्रेन को किम का चलता-फिरता किला भी माना जाता है. किम जोंग की खुफिया ट्रेन लगभग 250 मीटर लंबी और सारी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है. माना जाता है कि किम जोंग के पिता किम जोंग इल भी अपनी विदेश यात्राओं में इसी ट्रेन का इस्तेमाल करते थे, उन्हें हवाई यात्रा पसंद नहीं थी. यहां तक कि किम के दादा किम 2 संग भी इसी खास ट्रेन का उपयोग करते थे. साल 1950 में कोरियन युद्ध के दौरान वर्तमान तानाशाह के दादा ने इसी ट्रेन को अपने हेडक्वार्टर की तरह इस्तेमाल किया और यहीं से दक्षिण कोरिया से युद्ध के लिए अपनी रणनीतियां तय कीं.

लंबी दूरियां तय हुईं
माना जाता है कि साल 1974 में ईस्टर्न यूरोप के सभी सोशलिस्ट देशों में जाने के लिए भी किम 2 ने इसी ट्रेन से यात्रा की. वहीं किम के पिता किम जोंग इल को हवाई यात्राओं से डर लगता था इसलिए उन्होंने भी विदेश यात्रा या देश के किसी भी हिस्से में जाने के लिए इसी ट्रेन को तरजीह दी. उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया Korean Central Television के मुताबिक किम जोंग इल की मौत साल 2011 के दिसंबर में इसी ट्रेन में हुई थी. किम जोंग उन ने भी वियतनाम में हनोई मीटिंग के दौरान प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के लिए इसी ट्रेन से सफर किया.

कैसी है ट्रेन की सुरक्षा

ट्रेन में सुरक्षा के सारे बंदोबस्त हैं. माना जाता है कि इसके सारे डिब्बे बख़्तरबंद होते हैं, जहां लड़ाई या खुद को बचाने के सारे आधुनिक उपकरण हैं. साथ ही अलग-अलग टेलीफोन लाइन भी हैं. ट्रेन की सुरक्षा बढ़ा दी गई, जब उत्तर कोरिया के एक शहर Ryongchon में एक बम विस्फोट हुआ. चीन की सीमा से लगे इस शहर में साल 2004 में हुए विस्फोट में लगभग 54 लोग मारे गए. इस विस्फोट से ठीक 2 घंटे पहले किम की ट्रेन इस लाइन से गुजरी थी. माना जाता है कि ये कोई साजिश थी. इसके तुरंत बाद ट्रेन में सुरक्षा के इंतजाम खासे पुख्ता हो गए. अब किम की प्राइवेट ट्रेन के गुजरने से पहले एक और प्राइवेट ट्रेन निकलती है, जो रेलवे लाइन पर सुरक्षा के इंतजाम चेक करती है. इसके बाद किम की ट्रेन होती है, जो पहली ट्रेन से 20 मिनट बाद आती है. तीसरी ट्रेन में अतिरिक्त सुक्षा स्टाफ और जरूरत की दूसरी चीजें होती हैं.

किम जोंग ने वियतनाम में हनोई मीटिंग के दौरान प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के लिए इसी ट्रेन से सफर किया

होटल का आलीशान कमरा भी पीछे
बेहद लग्जरी पसंद इस तानाशाह परिवार की ट्रेन भी काफी आलीशान है. इसमें 22 कोच हैं, जिनमें से हरेक में बाथरूम के साथ स्नैकिंग की सुविधा है. यानी हर डिब्बा होटल के किसी आलीशान कमरे की तरह है. सफर कर रहे यात्रियों, जो किम या उनके परिवार के ही लोग होते हैं, खाने-पीने के खास इंतजाम रहते हैं. इसमें दुनिया से लगभग सभी हिस्सों के खास व्यंजन बनाने वाले शेफ मौजूद होते हैं. शराब के शौकीनों के लिए अत्याधुनिक बार है, जहां नई और पुरानी हर तरह की शराब मिलती है. माना जाता है कि किम के दिलबहलाव के लिए ट्रेन में खूबसूरत महिलाएं भी होती हैं, जिन्हें लेडी कंडक्टर कहा जाता है.

यहीं होती है किम की कारें
ट्रेन में किम की खास बुलेटप्रूफ कारें भी होती हैं, जो ट्रेन के रुकने पर किम को बाहर स्थानीय यात्रा के लिए इस्तेमाल होती हैं. हर कोच में सबसे मॉर्डन टीवी स्क्रीन है, जिसमें कुछ ही चैनल आते हैं. साथ ही सेहत के लिए यहां जिम और खेलने की सुविधा भी है. सैनिकों और शेफ के अलावा तीनों ही ट्रेन्स में डॉक्टरों का एक ग्रुप होता है, जिसमें से कुछ डॉक्टर सिर्फ किम की सेहत का लेखा-जोखा रखते हैं. उन डॉक्टरों को बाहरी लोगों से मेलजोल की इजाजत नहीं होती है. सेहत को लेकर बेहद फिक्रमंद रहे किम मोटापे और स्मोकिंग के कारण कई किस्म की बीमारियों से भी जूझ रहे हैं.

ट्रेन्स में डॉक्टरों का एक ग्रुप होता है, जिसमें से कुछ डॉक्टर सिर्फ किम की सेहत का लेखा-जोखा रखते हैं

भारी-भरदम होते हैं डिब्बे
सारे डिब्बों के बुलेटप्रूफ होने के कारण ट्रेन का वजह काफी ज्यादा है और इसी वजह से ये प्रति घंटा 60 किलोमीटर की रफ्तार से ज्यादा तेजी से नहीं चल सकती. किम की इन तीन खास ट्रेनों के लिए अलग से 19 स्टेशन बने हैं, जहां खुफिया कमरे भी हैं. इन जगहों पर आम लोगों या इजाजत के बिना किसी सरकारी आदमी का आना-जाना भी मना है. जब भी किम की ट्रेन यात्रा कन्फर्म होती है, उसके बाद के 24 घंटों के लिए रेलवे स्टेशनों और रेलवे लाइन पर सुरक्षा के बंदोबस्त और तगड़े हो जाते हैं.

किम की सेहत को लेकर ये नया दावा
इस बीच ब्रिटिश अखबार द मिरर के मुताबिक, दक्षिण कोरिया के अखबार जून्गअंग लबो ने चीन के हवाले से खबर दी है कि किम जोंग इसलिए बाहर नहीं आ रहे हैं क्योंकि उनका बॉडिगार्ड कोरोना संक्रमण का संदिग्ध पाया गया है. दक्षिण कोरिया के एक और अखबार डॉनंग-ए-लबो ने दावा किया कि कोरोना वायरस से बचने के लिए किम जोंग प्योंगयांग से बाहर वॉनसन के एक रिजॉर्ट में ठहरे हुए हैं. रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि किम के कुछ अधिकारी कोरोना से संक्रमित हो गए हैं. कहा जा रहा है कि किम को 15 से 20 अप्रैल के बीच पैदल चलते हुए भी देखा गया.

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