विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर ग्रामीण क्षेत्रों में हुई मलेरिया की जांच मलेरिया से बचाव के बताये गये तरीके
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मलेरिया से बचाव के बताये गये तरीके
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प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बस्तर संभाग के लोगों को मलेरिया से मुक्ति दिलाने हेतु पूरे बस्तर संभाग में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की शुरूआत की। जिसका प्रथम चरण 15 जनवरी से 14 फरवरी 2020 तक चलाया गया। इस अभियान के तहत नगरीय क्षेत्र के अलावा दूरस्थ अंचलों, मजरों-टोलों व स्कूल-कॉलेजों व आश्रम शालाओं सहित पैरा मीलिट्री कैंपों में लोगों की मलेरिया की सघन जांच की गई। संभाग में इस अभियान को जन अभियान के रूप में विस्तारित किया गया ताकि लोग मलेरिया से जागरूक हो सकें। इस अभियान के तहत प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लोगों की मलेरिया की सघन जांच में लगी थी।
संभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जनवरी, जुलाई एवं नवंबर माह में मलेरिया के सर्वाधिक प्रकरण पाये जाते है। इस पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने संवेदनशीलता से विचार करते हुए इस अभियान को 3 चरणों में चलाने का निर्णय लिया। वर्तमान में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का प्रथम चरण पूर्ण हो चुका है। इसी वर्ष जुलाई एवं नवंबर माह के पूर्व अभियान के द्वितीय एवं तृतीय चरण चलाये जायेंगे ताकि मलेरिया परजीवी को नष्ट किया जा सके। साथ ही वर्तमान में लोगों की पूर्ण स्क्रीनिंग एवं ईलाज किये जाने से माह जुलाई में मलेरिया संक्रमण में कमी भी आयेगी। मलेरिया धनात्मक पाये जाने पर मरीजों को पूर्ण उपचार तथा फालोअप लिया गया। उपचार हेतु आवश्यक दवाईयां-क्लोराक्वीन, प्राइमाक्वीन एवं एसीटी- निःशुल्क दी गयी। सर्वे दल द्वारा अपने सामने ही दवा की खुराक मरीज को खिलाई गयी। गंभीर प्रकरण पाये जाने पर समीप के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा जिला चिकित्सालय में रिफर करने की व्यवस्था की गयी थी।
मलेरिया मुक्त अभियान के प्रथम चरण में स्वास्थ्य विभाग जिला नारायणपुर द्वारा 15 जनवरी से 14 फरवरी तक चले इस सघन अभियान में जिले के 1 लाख 56 हजार 546 लोगों की मलेरिया जांच की गई। जांच में 11 हजार से ज्यादा महिला, पुरूष और बच्चे मलेरिया पॉजिटिव पाये गए थे। पॉजिटिव पाये गये सभी मरीजों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कर मलेरिया की खुराक दिया गया। जिसमें पॉजिटिव मरीजों की संख्या में कमी आयी।