आधुनिक कृषि जगत की मांग बन चुकी है जैविक खेती, हर किसान इसे जरूर अपनाये – दिनेश कश्यप

कोण्डागांव ।”जैविक खेती वर्तमान कृषि जगत के लिए एक आवश्यकता बन चूका है रासायनिक खादो से निश्चय ही फसल उत्पादकता मे वृद्धि होती है। परन्तु उसके लम्बे समय से उपयोग से भूमि की न केवल उर्वरा क्षमता प्रभावित होती है बल्कि कृषि भूमि को पोषक तत्वो से समृद्ध करने वाले जीवाणु जीव जन्तुओ की संख्या तेजी से घटती है। परिणाम स्वरूप फसल के उत्पादन मे कमी आने लगती है। अतः हर कृषक जैविक खाद का प्रयोग करना ही सुनिश्चित करे”
दिनांक 30 जनवरी को विकासखण्ड मुख्यालय माकड़ी के मिनी स्टेडियम गढ़ पारा मे आयोजित जैविक किसान एंव पशु मेल सह प्रदर्शनीमे मुख्य अतिथि के आसंदी से बस्तर सांसद दिनेश कश्यप् द्वारा उक्त आशय के विचार प्रकट किये गये। इस मौके पर जिला कलेक्टर नीलकण्ठ टीकाम, सरपंच ललित पोयाम, जनपद अध्यक्ष माकड़ी संजू पोयाम, जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी पोयाम, सुमित्रा नेताम, दिनेश चैरड़िया, एसडीएम टेकचन्द अग्रवाल, उपसंचालक कृषि बी.के.बीजनौरिया, अनुविभागीय अधिकारी कृषि उग्रेश देवांगन, सहायक संचालक उद्यानिकी कमलेश साहू सहित कृषि विभाग के कर्मचारी, अधिकारी उपस्थित थे।
सांसद ने आगे कहा कि वे स्वंय एक कृषक परिवार से संबंधित है अतः प्रगतिशील कृषि तरीको, उच्चतर प्रौद्योगिक का इस्तमाल करने मे परहेज नही है परन्तु भूमि की टिकाउ उत्पादकता को बरकार रखने के लिए जैविक खादो का कोई विकल्प ही नही है।
जिला कलेक्टर नीलकण्ठ टीकाम ने इस मौके पर अपने संबोधन मे कहा कि विकासखण्ड माकड़ी मे प्रथम बार इस कृषक मेला का आयोजन किया गया है चूंकि इस ब्लाक के कृषक जिले के सर्वाधिक प्रगतिशील कृषको मे गिने जाते है। जल, जंगल जमीन से जुड़ाव, नैसर्गिक कृषि को बढ़ावा देने एंव सिंचाई संसाधनो से अपार संभावना से भरे इस क्षेत्र के कृषको को नई दिशा देना मेले के आयोजन का उद्देश्य है। इसके अलावा क्षेत्र के कृषक पूर्व से ही अनुभव संम्पन्न है। अतः यह विचार विर्मश करने की महती आवश्यकता है कि कृषि को और लाभप्रद कैसे बनाये जाये। कृषि लागतो मे निरन्तर बढ़ोत्तरी के फलस्वरूप कृषको को उनके उत्पादन का अपेक्षित लाभ नही मिल पा रहा है। इस दृष्टि से जैविक कृषि को अपनाना हर किसान के लिए फायदेमन्द हो सकता है। यह साबित हो चूका है कि रासायनिक खाद के अन्धाधुंध उपयोग से कृषि भूमि का उपजाउपन नष्ट हो जाता है। जबकि जैविक खाद से मिट्टी स्वास्थ्य स्थिर रहता है। राज्य शासन की कृषि संबंधी योजनाओ से लाभ उठाने का आहवान करते हुए कलेक्टर ने कहा कि वर्तमान मे शासन की कृषि संबंधी 40 से 45 योजनाये चल रही है और जिनमे से किन्ही किन्ही योजनाओ मे 70 से 75 तक अनुदान भी दिया जा रहा है। अतः इसका लाभ उठाये जाने की जरूरत है। इस मौके पर उन्होने बताया कि आने वाले समय मे जिले के इस क्षेत्र मे मक्का प्रसंस्करण केन्द्र खोलने के प्रस्ताव पर कार्ययोजना बनायी जा रही है। जिससे मक्का उत्पादक कृषको को अवश्य लाभ होगा। इसके पूर्व उपसंचालक कृषि बी.के.बीजनौरिया द्वारा क्षेत्र मे कृषि संभावना पर आधारित प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। प्रदर्शनी स्थल मे कृषि विभाग द्वारा जल संसाधनो के बेहतर उपयोग तथा उद्यानिकी, उन्नत पशुधन, मत्स्यपालन, पर आधारित माॅडल का भी प्रर्दशन किया गया था। इसके अलावा पशुधन विभाग द्वारा उन्नत एंव नस्ल के गाय, बैल, बछड़ो का प्रदर्शन कर उनके मालिको को पुरस्कार देने के साथ साथ जिले के चयनित प्रगतिशील कृषको मे उन्नत किस्म के सूरजमुखी, अरहर, मूंग के बीजो को वितरित किया गया।
सबका संदेस ब्यूरो, कोंडागांव 9425598008