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कोरोना वायरस: तमिलनाडु, महाराष्ट्र और दिल्ली में हैं सबसे ज्यादा हॉट-स्पॉट | Most Coronavirus Hotspots in Tamil Nadu Maharashtra Delhi as Govt Identifies Red White and Green Zones | nation – News in Hindi

कोरोना वायरस: तमिलनाडु, महाराष्ट्र और दिल्ली में हैं सबसे ज्यादा हॉट-स्पॉट

सरकार ने 170 जिलों को रेड जोन के अंतर्गत रखा है.

सरकार ने 207 जिलों को नॉन हॉट-स्पॉट (Non Hot-Spot) पाया है, जहां कोरोना वायरस (Coronavirus) के केस वाइट जोन (White zone) के अंतर्गत पाए गए हैं. वहीं 353 जिले जो कोरोना वायरस से बिल्कुल भी प्रभावित नहीं हैं उन्हें ग्रीन जोन में रखा गया है.

नई दिल्ली. केंद्र सरकार (Central Government) ने बुधवार को देश के 170 जिलों को कोविड-19 (Covid-19) का हॉट-स्पॉट घोषित किया और उन्हें रेड जोन में शामिल किया. इन जिलों में कोरोना वायरस (Coronavirus) के फैलने तक लॉकडाउन का कड़ाई से पालन किया जाएगा.

जिन 170 जिलों को हॉट-स्पॉट घोषित किया गया है उसमें से सबसे ज्यादा तमिलनाडु (Tamilnadu) में हैं. तमिलनाडु में 37 जिले हैं जिसमें से 22 को चिन्हित किया गया है. इसके बार महाराष्ट्र के, उत्तर प्रदेश के 13, राजस्थान के 12, आंध्र प्रदेश के 11 और दिल्ली के 10 जिले शामिल हैं.

तेलंगाना में जहां करीब 600 केस हैं वहां 9 जिलों को चिन्हित किया गया है. इसके बाद पंजाब, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर के 8 जिले हैं. वहीं केरल में 7, गुजरात, मध्य प्रदेश और हरियाणा में छह जिलों को हॉट-स्पॉट घोषित किया गया है. असम और हिमाचल प्रदेश के पांच जिले हैं ये सभी वह हैं जहां समूह में लोग संक्रमित पाए गए हैं. बिहार और बंगाल के 4 जिलों को रेड जोन में रखा गया है.

जोन के हिसाब से लगाई जाएंगी पाबंदियां
अब रेड जोन जिलों को इलाकों और समूह में आने वाले केसों के आधार पर वर्गीकृत किया जाएगा. ज्यादा प्रकोप वाले जिलों में एकसमान पाबंदियां होंगी, जहां समूह के हिसाब से केस सामने आए हैं वहां ऐसे इलाकों में बाकी जिले की मुकाबले कड़ी पाबंदियां होंगी.

सरकार ने 207 जिलों को नॉन हॉट-स्पॉट पाया है, जहां कोरोना वायरस के केस वाइट जोन के अंतर्गत पाए गए हैं. वहीं 353 जिले जो कोरोना वायरस से बिल्कुल भी प्रभावित नहीं हैं उन्हें ग्रीन जोन में रखा गया है. इन 353 जिलों जिन्हें ग्रीन जोन में रखा गया है यदि वहां कोई केस नहीं आता है वहां 20 अप्रैल तक लॉकडाउन में छूट दी जा सकती है. जिसका जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल को दिए देश के नाम अपने संबोधन में किया था.

गृह मंत्रालय ने मंगलवार को नए दिशानिर्देश जारी किए हैं जिसमें जानकारी दी गई है कि नॉन हॉट-स्पॉट जिलों में किन कार्यों के लिए छूट दी जा सकती है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वाइट जोन के जिलों में रोकथाम की प्रक्रिया जारी रहेगी जिससे यहां के केस नियंत्रण में रहें. राज्यों को COVID डेडिकेटेड अस्पतालों को सुनिश्चित करने के अलावा, वाइट और ग्रीन ज़ोन ज़िलों में SARI (गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) और ILI (इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी) मामलों की प्रभावी निगरानी करने की भी आवश्यकता है.

कैसे किया गया वर्गीकरण
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि किसी भी जिले को हॉट-स्पॉट के तौर पर वर्गीकृत किए जाने के लिए उसे तीन पैमानों पर देखा जाता है. पहला उच्चतम केस लोड वाले जिले जो भारत के 80% से अधिक मामलों में योगदान करते हैं. दूसरा उच्चतम केस लोड वाले जिले जो हर राज्य के 80% से अधिक मामलों में योगदान करते हैं. तीसरा चार से भी कम दिनों में दोगुने केस वाले जिले.

अगर रेड जोन जिलों में 14 दिन तक कोई केस नहीं आता है तो उसे ऑरेंज जोन में डाल दिया जाता है, अगर 28 दिन तक कोई केस नहीं आता है तो उसे ग्रीन जोन में डाल दिया जाता है.

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First published: April 15, 2020, 8:28 PM IST



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