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लेबर्स की कमी, मांग में अनिश्चित्तता, लॉकडाउन के बाद आखिर कैसे बढ़ेगा प्रोडक्शन? – Labourers Stuck at Home Demand Uncertainty Behind the Scene Struggles for India as Firms Prep Up to Reopen | business – News in Hindi

नई दिल्ली. इस साल का पहला दो महीना सीमेंट मेकर्स के लिए नए मौके लेकर आया था.​ पिछले साल की तुलना में इस साल जनवरी और फरवरी महीने में कंस्ट्रक्शन के लिए जरूरी कच्चे माल में 7 फीसदी का इजाफा हुआ था. लेकिन, इसके बाद कोरोना वायरस आउटब्रेक ने केंद्र सरकार को देशभर में 21 दिन के लॉकडाउन लगाने पर मजबूर कर दिया. मार्च में केवल एक महीने के लॉकडाउन के बाद उम्मीद की जा रही है कि सीमेंट सेल्स में एक तिहाई​ की गिरावट आ सकती है.

केवल कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी ही नहीं बल्कि सीमेंट की मैन्युफैक्चरिंग प्लाट्ंस ठप पड़े हैं. अब, लॉकडाउन खत्म होने में महज कुछ दिन ही बचे हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इस हफ्ते सीमेंट व अन्य प्रोडक्शन रिस्टार्ट करने से कुछ राहत मिलेगी?

डिपार्टमेंट फॉर प्रोमोशन आफ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड द्वारा विभिन्न सेक्टर्स में मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने का प्लान अभी पहले चरण में है. इसमें सीमेंट, स्टील, आटोमाबइल्स, हेवी इलेक्ट्रिकल्स आदि की मैन्युफैक्चरिंग शामिल है. लॉकडाउन के दौरान दूध, आटा, बिस्किट, दवाएं और अन्य जरूरी वस्तुओं की मैन्युफैक्चरिंग जारी थी. इस दौरान सब्जियों और फलों की प्रोक्योरमेंट भी जारी रहा.

यह भी पढ़ें: नहीं मिल रहा फसल का उचित दाम, किसानों को सालाना मिले 20 हजार रुपये एकड़ की मददसबसे बड़े स्टील मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में से एक के अधिकारी ने बताया कि स्टील और पावर के प्रोडक्शन चालू था लेकिन कुछ क्षेत्रों में उनकी कंपनी को अपना काम बंद करना पड़ा. वहीं, कुछ क्षेत्रों में प्रोडक्शन घटाना भी पड़ा. चूंकि, सभी राज्यों का सील कर दिया गया है, ऐसे में कच्चे माल की आवक प्रभावित हुई है और प्रोडक्शन ठप पड़ गया है.

लॉकडाउन के दौरान, स्टील इंडस्ट्री अपनी पूरी क्षमता का केवल 50 से 70 फीसदी तक ही काम कर सका. इसके पीछे कच्चे माल की उपलब्धता, लॉजिस्टिक्स और लेबर्स की कमी कारण रहे. लेकिन अब सरकार आंशिक लॉकडाउन की तरफ बढ़ रही है. स्टील मैन्युैक्चरर्स बुधवार से पूरी क्षमता से प्रोडक्शन शुरू करने की तैयारी में हैं. अधिकारी ने बताया कि उनके हर दो में से करीब एक लेबर कॉन्ट्रैक्ट पर था. कंपनी ने लेबर्स की उपलब्धता पूरी करने के लिए मैन्युफैक्चरिंग एरिया के अंदर कैंप बनाया हुआ है.

उन्होंने बताया, ‘कुछ कॉन्ट्रैक्ट अपने घर जाने की वजह से उपलब्ध नहीं है, लेकिन अधिकतर लेबर्स उपलब्ध हैं. पहले हम तकरीबन प्रति बस 40 लोगों को प्लांट के अंदर ले जाते थे. अब केवल 20 लोगों को ही ले जाया जाएगा. प्लांट के अंदर फ्युमिगेशन टनल तैयार किया गया, जिससे गुजरकर वर्कर्स अपने काम पर जाएंगे. कैंटीन में भी सोशल डिस्टेंसिंग लागू किया गया, जहां एक बार में केवल 20 लोगों को ही खाने की व्यवस्था होगी.’

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लेकिन इस बीच डिमांड का क्या होगा? अधिकारी ने बताया कि 15 अप्रैल से कंपनी अपनी पूरी क्षमता से काम करना शुरू कर देगी. लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो सकता है कि आखिर कितना डिमांड होगा.

यह कंपनी कंस्ट्रक्शन और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेग्मेंट की कंपनी है और पिछले एक महीने में सभी आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से बंद होने के बाद फिलहाल पीक प्रोडक्शन की जरूरत नहीं है. पहले ही आर्थिक सुस्ती की स्थिति थी और अब मांग को लेकर अनिश्चित्तता बढ़ गई है.

एक आटोमोबाइल कंपनी के टॉप अधिकारी ने बताया कि उनकी कंपनी प्रोडक्शन शुरू करने के लिए सरकार की निर्देशों का इंतजार कर रही है. अभी तक यह भी साफ नहीं हो सका है कि कम से कम 25 से 30 फीसदी तक प्रोडक्शन शुरू हो सकता है या नहीं. हालांकि, उन्होंने डिमांड में कमी आने की संभावन को खारिज कर दिया. उन्होंने बताया, ‘मार्केट में थोड़ी डिमांड तो बनी ही रहेगी. मुझे नहीं तुरंत ही इसमें बढ़ावा देने की जरूरत है. हमने पहले ही सप्लायर्स से बात कर ली है कि प्रोडक्शन शुरू होने के बाद वो तैयार रहें.’
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