COVID-19: कोरोना वायरस से ऐसे लड़ाई जीत रहा है केरल, 24 घंटे में ठीक हुए 36 मरीज़ | kerala reported 2 covid 19 case within 24 hours 36 infected recovered | nation – News in Hindi


दो हफ्ते पहले तक केरल की गिनती सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में होती थी.
केरल में कोरोना संक्रमितों (Coronavirus Infected) के ठीक होने की दर दूसरे राज्यों के मुकाबले इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि यहां टेस्टिंग ज्यादा हो रही है. यहां कोरोना के कुल 375 मामलों में से लगभग 48 प्रतिशत यानी 179 लोग अब तक ठीक हो चुके हैं.
केरल में रविवार को सिर्फ 2 नए मरीज सामने आए. 24 घंटे में 36 मरीज ठीक भी हुए हैं. इस बात की जानकारी केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने दी. उन्होंने बताया कि अब राज्य में कुल 194 पॉजिटिव मामले हैं. वहीं, यहां अभी तक कुल 179 कोरोना मरीज ठीक हो चुके हैं.
केरल में कोरोना संक्रमितों के ठीक होने की दर दूसरे राज्यों के मुकाबले इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि यहां टेस्टिंग ज्यादा हो रही है. यहां कोरोना के कुल 375 मामलों में से लगभग 48 प्रतिशत यानी 179 लोग अब तक ठीक हो चुके हैं.
ट्रेसिंग, प्लानिंग और ट्रेनिंग मॉ़डल ने दिलाई जीतराज्य की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा खुद बताती हैं कि कोविड-19 हो या कोई अन्य बीमारी, हम अच्छी योजना बनाकर और उस पर अमल करके ही उसका मुकाबला कर सकते हैं. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने और मरीजों की पहचान के लिए राज्य सरकार ने ट्रेसिंग, प्लानिंग और ट्रेनिंग पर तेजी से काम किया. यही फॉर्मूला केरल ने निपाह और इबोला वायरस के मामले में भी अपनाया था.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की भी केरल पर है नजर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अफसर और भारत सरकार के रणनीतिकार भी लगातार केरल की कोशिशों पर नजर बनाए हुए हैं. वी. जॉर्ज इसके लिए मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, मुख्यसचिव टॉम जोस और केरल में टीचर अम्मा के नाम से मशहूर स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा को धन्यवाद देते हैं.
केरल में कब आया था कोरोना का पहला केस?
केरल में कोविड-19 का पहला मामला 30 जनवरी को आया. वुहान से लौटे छात्र में इसके लक्षण पॉजिटिव आए. तीन दिन के भीतर दो मामले और आ गए. इसके बाद 4 फरवरी तक केरल ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कोविड-19 को राज्य आपदा घोषित कर दिया और इसे रोकने के लिए काम शुरू कर दिया गया था.
बता दें कि केरल वैसे भी जितना छोटा राज्य है, वहां साक्षरता दर उतना ही अच्छी है. यहां मेडिकल और पैरा मेडिकल, साइंस और टेक्नोलॉजी से जुड़े लोगों की अच्छी तादाद है. राज्य सरकार ने पुराने अनुभव के आधार पर कोरोना संक्रमितों की पहचान, उनके इलाज के लिए योजना और मेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग पर काफी जोर दिया है. इसके सकारात्मक नतीजे भी सामने आए हैं.
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First published: April 13, 2020, 10:36 AM IST