कोंडागांव: तम्बु में रहकर, धान बेचने किसान कर रहे अपनी बारी का इंतजार

मौसम हुआ खराब, लेम्प्स रांधना खरीदी केंद्र में 40 हजार क्विंटल धान जाम
अपने धान की सुरक्षा हेतु, किसानों को अपने खर्च पर लाना पडा़ बारदाना व तिरपाल
कोण्डागांव । कोण्डागांव जिला क्षेत्र में 25 जनवरी से ही आसमान पर बादल मंडराते नजर आने लगे थे, जिससे इस आषंका को बल मिलने लगा था कि दिसम्बर माह में हुए बेमौसम बारिष की तरह ही दुबारा बेमौसम बारिष हो सकती है। 26 दिसम्बर की रात तक आसमान में मंडराते हल्के बादल घने होते चले गए फिर देर रात से रुक-रुक कर बारिष होने लगी और इस तरह मौसम खराब होने के बाद अचानक बारिष षुरु होने से सबसे अधिक परेषान क्षेत्र के धान खरीदी केंदों के प्रभारी और किसान ही नजर आए क्योंकि दिसम्बर माह में भी अचानक बेमौसम बारिष होने से खरीदी की जा चुकी धान को सुरक्षित रखने के लिए धान खरीदी केंदों के प्रभारियों को काफी मेहनत करना पडा था, इसी तर्ज पर दुबारा अचानक बेमौसम बारिष होने से एक बार पुनः धान खरीदी केंदों के प्रभारी एवं किसान फिर परेषान होते नजर आए। ऐसे धान खरीदी केंद्र जहां से खरीदी की जा चुकी धान का परिदान नियमानुसार समय पर हो चुका है और उनके धान धरीदी केंद्रों में धान कम मात्रा में है, उन्हें तो अपने द्वारा खरीदे गए धान को सुरक्षित रखने हेतु कम प्रयास करना पडा, लेकिन वहीं जिन खरीदी केंद्रों से धान का परिदान बेहद कम और अत्यधिक मात्रा में धान जाम हुआ पडा है, उन खरीदी केंद्रों के प्रभारियों पर तो मुसीबत का पहाड टूट पडा है। इन दिनों ऐसे ही मुसीबत में फंसा हुआ नजर आ रहा है कोण्डागांव जिले के तहसील माकडी अंतर्गत आने वाले ग्राम रांधना में स्थापित लेम्प्स खरीदी केंद्र का प्रभारी। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां खरीदे गए कुल धान में से केवल 17700 क्विंटल धान का ही परिदान हो सका है, षेष धान कुल लगभग 40 हजार क्विंटल जाम हुआ पडा है और इतने अधिक जाम पडे धान की मात्रा को बेमौसम बारिष से बचा पाना आसान नहीं था, लेकिन लेम्प्स प्रबंधक समारुराम मरकाम द्वारा आनन-फानन में धमतरी से लगभग 6 क्विंटल पॉलीथीन षीट मंगवाकर एवं किसानों के सहयोग से धान की बोरियों को ढंकवाकर जाम पडे धान को बचाने का भरपूर प्रयास करते खरीदी केंद्र प्रभारी जीवनलाल पाण्डे नजर आए। यहां इससे भी बडी बात यह देखने को मिला कि 27 जनवरी को संडसा, बागबेडा, सोड सिवनी, लुभा, ठेमगांव आदि के बलराम मरकाम, गजरुराम नाग, घसियाराम नेताम, रामसिंग सोडी, दुकईराम, सोमारुराम सोडी, रुपसिंह नेताम, मंगलुराम मण्डावी, मंगतूराम नाग आदि किसान खरीदी केंद्र के समीप ही बारिष से बचने के लिए तिरपाल से बनाए गए टेंट में रहकर और अपने द्वारा बेचने के लिए लाए गए धान को अपने खर्च से खरीदकर लाए गए बोरियों में भरकर तथा अपनी व्यवस्था से जुगाड किए गए तिरपाल एवं पॉलीथीन आदि से ढंककर सुरक्षित रखने का प्रयत्न करते हुए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। यह नजारा किसानों की उस पीडा की ओर ईषारा करने के लिए काफी है कि एक किसान को धान की उपज लेने के लिए जहां लगभग 5 माह खेतों में खून-पसीना बहाना पडता है और अब वहीं अपने धान के उपज को बेचने के लिए खरीदी केंद्र में भी तिरपाल के टेंट में असुविधा के साथ गुजारना पड़ रहा है।
सबका संदेस ब्यूरो, कोंडागांव 9425598008