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लॉकडाउन में भी कट गई है आपकी EMI तो चिंता नहीं करें, ऐसे लें वापस – how to get refund emi while accepting rbi moratorium period on coronavirus covid 19

गुवाहाटी

कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में यदि आपकी EMI कट गई है तो उसें वापस ले सकते हैं। आपको बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से देश भर में जारी लॉकडाउन के कारण रिजर्व बैंक ने 27 मार्च को EMI पर 3 महीने के लिए मोराटोरियम पीरियड की घोषणा की थी। इसका 1 मार्च से 31 मई तक उठाया जा सकता है। मतलब इन 3 महीनों के लिए आप EMI टाल सकते हैं। ऐसे में अगर आप इस सुविधा का लाभ उठाना चाहते हैं, लेकिन बैंक द्वारा मार्च महीने की EMI काट ली गई है तो इस वापस लिया जा सकता है।


देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के एक शाखा प्रबंधक का कहना है कि आप मोराटोरियम पीरियड की सुविधा लेना चाहते हैं, लेकिन आपकी ईएमआई कट गई है तो इसकी सूचना तत्काल बैंक को दें। मोराटोरियम की सुविधा लेने के लिए एसबीआई ने एक फॉर्मट निकाला है। पहले इसे डाउनलोड करें और उसे भर कर हस्ताक्षर करें। इसकी स्कैन कॉपी को संबंधित स्थानीय कार्यालय को मेल पर भेज दें। बैंक इसकी जानकारी मिलने के बाद आपके जिस अकाउंट से पैसे कटे हैं, उस अकाउंट में पैसे भेज देगा। इसके बाद अगले दो महीने के लिए भी ईएमआई नहीं काटी जाएगी।

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार उसके यहां जो ग्राहक ईएमआई की वापसी चाहते हैं, उन्हें पैसे तत्काल तभी वापस किये जाएंगे जबकि उनका बचत बैंक खाता सेंट्रल बैंक में ही हो। यदि किसी दूसरे बैंक से ईसीएस के जरिये पैसा आ रहा है तो ऐसी स्थिति में उन्हें तुरंत ही ड्राफ्ट या मैनेजर चेक बना कर पैसा वापस दिया जाएगा।

बैंक वालों के मुताबिक ईएमआई से मोहलत चाहने वालों ने यदि सूचना पहले ही दे दी है तो उनकी ईएमआई नहीं काटी जा रही है। यदि उनकी ईएमआई कट गई है तो वे मेल पर सूचना दे कर रिफंड मांगे, उन्हें रिफंड कर दिया जाएगा।

चाहे सरकारी बैंक हो या निजी क्षेत्र के बैंक, सभी चाहते हैं कि ग्राहक कम से कम शाखा आएं। इस तरह के काम के लिए तो वे कतई नहीं आएं। बैंक प्रबंधन के मुताबिक इस सुविधा का लाभ लेने के लिए ई मेल पर सूचना देना सबसे बेहतर है। यदि कोई ग्राहक ई बैंकिंग की सुविधा ले रहे हैं तो वहां भी निर्देश दिया जा सकता है।

लॉकडाउन के दौरान घटी आमदनी के बीच लोगों पर ईएमआई का अतिरिक्त बोझ नहीं पड़े, इसलिए रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह इसकी घोषणा की थी। इसके बाद लगभग सभी बैंकों ने ग्राहकों को ईएमआई के भुगतान करने का या नहीं करने का विकल्प दे दिया है।



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