बीएसपी के प्रतिभाशाली कार्मिक मिर्जा हफीज बेग की प्रकाशित तीन किताबें चर्चा में
भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र प्रतिभाओं की खान है। जहाँ तकनीकी उन्नयन करने वाले कार्मिकों ने संयंत्र का नाम रोशन किया है, वहीं साँस्कृतिक व साहित्यिक गतिविधियों में शहर का परचम लहराने वाले कई प्रतिभाशाली कार्मिक संयंत्र की शोभा बढ़ा रहे हैं। ऐसे ही एक प्रतिभाशाली कार्मिक प्लेट मिल में कार्यरत् मिर्जा हफीज बेग हैं जिनके लेखन ने इन्टरनेट के साहित्यिक दुनिया के साथ ही उनके लिखे गए तीन पुस्तकों ने भी पाठकों के मध्य धूम मचाई है। नाटक लेखन से शुरु हुआ यह सफर, आज काव्य संकलनों के ऊँचाइयों को स्पर्श कर रहा है।
भिलाई स्टील प्लांट के कर्मी और विगत 4 दशक से लेखन कर्म से जुड़े मिर्जा हफीज बेग की हालिया प्रकाशित तीन किताबें इन दिनों चर्चा में है। इन किताबों को जहां विभिन्न पुस्तक मेलों में भरपूर सराहना मिली है, वहीं सोशल मीडिया प्लेटफार्म और ऑन लाइन विक्रय माध्यम में भी पाठकों ने उनके इन किताबों को हाथों-हाथ लिया है। बीएसपी प्लेट मिल की रिहीटिंग फर्नेस में मिल प्रोवाइडर के पद पर कार्यरत मिर्जा हफीज बेग ने बीएसपी के सेक्टर-1 स्कूल में अध्ययन के दौरान ही कलम को अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम बना कर छात्र जीवन से लिखना शुरू कर दिया था। तब से वे लगातार लेखन कर्म में सक्रिय हैं।
उनकी हालिया प्रकाशित किताबों में लघु-उपन्यास ‘हाल-ए-दिल उनको सुनाना थाÓ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की दुनिया में अपने पैर जमा चुके एक नौजवान की कहानी है। यह कृति विशेष लेखन शैली के कारण आरम्भ से अंत तक पाठक को बांधे रखती है। उनकी दूसरी किताब ‘ख्वाब, हकीकत और अफसानाÓ मुख्यत: पांच प्रभावशील कहानियों का संग्रह है। जिसमें पांचों कहानियाँ अपनी विषय-वस्तु और अंदाज-ए-बयां के हिसाब से एक दूसरे से काफी अलग है। अपनी तीसरी कृति मेरी कहानियाँ आभासी दुनिया से-1 में लेखक मिर्जा हफीज बेग ने इंटरनेट पर विभिन्न ई-पत्रिकाओं और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उपलब्ध अपनी विभिन्न कहानियों की श्रृंखला की पहली कड़ी प्रस्तुत की है।
मिर्जा हफीज बेग के लेखन ने देश के साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं में स्थान प्राप्त करने में सफल हुआ है। उनकी कहानियाँ वागार्थ, साहित्य कुंज, सुखनवर, अनहद कृति, प्रतिलिपि, मातृभारती, ई-कल्पना और पत्रिका जैसे प्रसिद्ध मैगजीन व समाचार पत्रों में प्रकाशित हो चुकी हैं।
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