छत्तीसगढ़ फिल्म संग्रहालय सोसाइटी दुर्ग का 12 वां फिल्मोत्सव पुस्तक विमोचन एवं सम्मान समारोह आयोजित
लोक साहित्यकार हरिहर वैष्णव, सिने लेखक शिवानंद कामड़े, मधु तिवारी हुए सम्मानित
सबका संदेश/कोंडागाँव । सांस्कृतिक एवं साहित्यिक नगरी कोंडागांव में 14 मार्च को छत्तीसगढ़ फिल्म संग्रहालय सोसाइटी दुर्ग का 12वां फिल्म महोत्सव पुस्तक विमोचन एवं सम्मान समारोह का आयोजन संपन्न हुआ। महोत्सव का शुभारंभ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बस्तर को पहचान देने वाले लोक साहित्यकार कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हरिहर वैष्णव ने फिल्मों पर आधारित फोटो गैलरी का फीता काटकर मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण दीप प्रज्वलन के साथ शुभारंभ किया। इस अवसर पर विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में ख्याति लब्ध सिने लेखक शिवानंद कामडें शहीद गुंडाधुर महाविद्यालय कोंडागांव की प्राचार्य श्रीमती किरण नूरूटी, सेवानिवृत्त शिक्षिका श्रीमती यशोदा बैस उपस्थित रहे।
यह कार्यक्रम भारत की पहली बोलती फिल्म “आलम आरा” के 90 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में आयोजित किया गया”90 वर्ष पूर्व 14 मार्च 1931को आज ही के दिन भारत में सबसे पहले भारत की पहली बोलती फिल्म आलम आरा प्रदर्शित की गई थी। इसकी मुख्य नायिका पात्र “जुबेदा” पर लिखित पुस्तक का विमोचन आज संपन्न हुआ। साथ ही भारतीय सिनेमा एवं छत्तीसगढ़ फिल्म के मुख्य पात्रों पर लिखी गई पुस्तकों व फोटो की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। भारतीय सिनेमा में कालजई भूमिका निभाने वाले पात्रों का सजीव प्रदर्शन किया गया। साथ ही इस अवसर पर पुस्तक के लेखक शिवानंद कामडें को श्रेष्ठ सिने लेखन सम्मान 2020 , वरिष्ठ लोक साहित्यकार हरिहर वैष्णव को बस्तर लोक साहित्य लेखन सम्मान 2020 एवं श्रीमती मधु तिवारी को साहित्य व कला सम्मान 2020 से सम्मानित किया गया।
उल्लेखनीय है कि सिने लेखक शिवानंद कामडें ने अब तक फिल्मों पर आधारित 78 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है। रंग पंचमी के पावन अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में कवि-सम्मेलन का भी आयोजन किया गया। जिसमें वरिष्ठ साहित्यकार यशवंत गौतम ने अपनी हल्बी रचना सुनाई, वही हरेंद्र यादव ने चांटी और मोनिका पर केंद्रित अपनी छत्तीसगढ़ी रचना सुनाई, हास्य व्यंग के सशक्त हस्ताक्षर उमेश मंडावी ने अपनी चर्चित चुनाव वाली कविता सुना कर तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। साहित्यकार महेश पांडे ने अपने यूट्यूब पर चर्चित हो रहे हल्बी गीत जांवा जांवा बस्तर दकुख लाय जांवा गीत सुना कर मंत्रमुग्ध कर दिया। लोक साहित्यकार हरिहर वैष्णव ने अपनी रचना मड़िया पेज सुनाकर खूब वाहवाही बटोरी। वही कार्यक्रम की संचालिका मधु तिवारी ने फागुन पर आधारित गीत सुना कर रंग जमा दिया।साहित्यकार बृजेश तिवारी ने भारतीय सिनेमा के इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उसकी प्रासंगिकता से अवगत कराया। संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन जानी-मानी उद्घोषिका मधु तिवारी ने किया। इस अवसर पर साथी संस्था के हरी भारद्वाज, नवनीत वैष्णव, भावना कामडें, आलोक भट्टाचार्य सहित बड़ी संख्या में सुधी जन साहित्य व कला प्रेमी श्रोता उपस्थित थे।