छत्तीसगढ़

खेतों में हरेभरे, खड़े किंतु बांझ रबी फसल का भी सरकार 6/4 में मुआवजा दे ।। किसान यशवंत चंद्राकर

 खेतों में हरेभरे, खड़े किंतु बांझ रबी फसल का भी सरकार 6/4 में मुआवजा दे ।।
किसान यशवंत चंद्राकर

 कुंडा सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़- बाबूलाल रजक सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़ 

हाल ही में छत्तीसगढ़ के किसान इस वर्ष खरीफ फसल में बार-बार प्रकृति के मार सहने के बाद भी, सरकार के मार से उबारे हुए हैं। उनका 2019-20 हेतु धान खरीदी केंद्रों के द्वारा टोकन जारी होने के बाद भी सरकार एवं सरकार के नुमाइंदों के द्वारा कुछ दिनों के लिए धान खरीदी उपार्जन केंद्रों में पहुंचे हुए धान को भी तौलने से इंकार कर दिया गया था । जिससे किसान पूर्व से प्रकृति की मार तो सह चुके थे साथ ही साथ छत्तीसगढ़

 

शासन के तरह-तरह के आदेशों का भी मार झेल रहे थे, डूबते को तिनके का सहारा जैसी कहावत यहां पर चरितार्थ हुई किसी भी तरह से छत्तीसगढ़ के विभिन्न नेशनल हाईवे को भी अपने मांगों को लेकर किसानों के द्वारा 20-20, 30-30 किलोमीटर तक चक्का जाम किया गया, यहां तक बेमेतरा एवं कबीरधाम

 

जिला के किसानों ने इच्छा मृत्यु का भी मांग सरकार से कर लिया था ।यहां कहना न होगा कि जो सभी के भरण पोषण करने वाले धरती पुत्रों के द्वारा इस तरह की इच्छा जाहिर करना यह सोचने की बात है कि उन्हें सरकार के इस तरह के आदेशों से कितना हृदयाघात हुआ होगा । जैसे तैसे करके अंततः किसानों की एक छोटी सी जीत हुई सरकार छत्तीसगढ़ के कर्मठ जुझारू किसानों के सामने घुटने टेकी और आदेश जारी किया कि जिस भी किसी किसान का टोकन जारी हो चुका है उसे जिला लेबल पर सचिव स्तर के अधिकारी के द्वारा जांच कर खरीदी की जाएगी । चाहे उसके लिए जितना भी समय लगे इसके लिए जिला

 

कबीरधाम के भाजपा एवं किसान नेता यशवंत चंद्राकर ने सरकार को धन्यवाद ज्ञापित किया एवं बधाई दिया है। साथ ही साथ उन्होंने सरकार से यह भी मांग किया है कि इस वर्ष मौसम इतनी तेजी से और इतने बार कल्पना से ऊपर अपना रुख दिखाया है (परिवर्तन हुआ है) जिससे खरीफ की फसल के साथ ही साथ रवि की फसल भी खेतों में हरे भरे लहराते हुए दिख तो रहे हैं लेकिन एक बार फूलकर गिर जाने से वह दूसरी बार फूल देने की स्थिति में नहीं रहती। बल्कि यह असंभव सी बात हो जाती है शस्य विज्ञान एवं फसल के सिद्धांत में भी यह बात उल्लेखित है। किसान नेता यशवंत चंद्राकर ने बताया है कि ऐसे फसल खेतों में केवल शो पीस रह जाते हैं, वह किसी काम के नहीं होते जबकि अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से प्रभावित एवं पढ़े-लिखे पटवारियों को समझाए कौन वे लोग सीधे साधे आंखों से देखकर यह अनुमान लगा रहे हैं कि किसान का फसल हरा भरा है। चंद्राकर ने बताया कि प्रकृति की मार से हमारी फसल बहुत कुछ प्रभावित है । जहां से रवि की फसल चना, मसूर, अरहर, आदि प्रजनन की क्षमता खो चुके हैं । उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि अब यह फसल किसानों के किसी भी काम की नहीं रहा ।।

।।सरकार 6/4 के तहत मुआवजा दे ।।

जिला कबीरधाम विकासखंड पंडरिया से चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ के किसान पुत्र कहे जाने वाले मुखिया से छत्तीसगढ़ के लाखों- लाखों किसानों के हित में मांग किया है एवं शासन स्तर पर आदेश जारी करने की अपील की है कि छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिलों में सर्वे कराई जाए एवं हरे-भरे लहलहाते हुए सफल को जो केवल शो पीस बनकर खेतों में रह गया है । मौसम के मार झेलते हुए प्रजनन क्षमता खो चुका है उन फसलों को भी सरकार के आदेश से पटवारी आर.आई. आदि जांच अधिकारियों के द्वारा नष्ट अथवा सड़े गले या अनुपयोगी मानकर 6/4 के तहत मुआवजा देने की आदेश किया जाए इसकी मांग किया है। साथ ही साथ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत छत्तीसगढ़ में जिन किसान भाइयों का फसल बीमा हुआ है, उसका भी लाभ इसी आधार पर दिया जाए, तब सरकार कहीं न कहीं किसानों के प्रति संवेदनशील दिखाई देगा किसान पुत्र होने का जो उनका दावा है वह परिलक्षित होगा। साथ ही साथ किसान नेता यशवंत चन्द्राकर ने यह भी कहा है कि जो किसान हित में काम करेगा वह छत्तीसगढ़ में राज करेगा। छत्तीसगढ़ धान का कटोरा है या पूरे देश में प्रसिद्ध, जबकि आज धान एवं धान उगाने वाले किसानों के ऊपर ही खतरा मंडराता हुआ नजर आ रहा है। छत्तीसगढ़ शासन में बैठे प्रमुख मुख्यमंत्री महोदय चाहे तो इस खतरे को चुटकी बजाते टाल सकते हैं ।अंत में चन्द्राकर ने समाचार पत्र के माध्यम से छत्तीसगढ़ के संवेदनशील सरकार से विनम्रता पूर्वक यह भी मांग किया है कि अपने हितों की लड़ाई लड़ते हुए किसान विभिन्न प्रकार के धरना आंदोलन एवं चक्का जाम की है जिस पर हमारे कुछ किसान भाइयों के ऊपर प्राथमिकी जांच रिपोर्ट दर्ज हो चुका है, जिसे सरकार शून्य घोषित करें।।

 

 

 

 

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