विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद भी नहीं मिला अब तक प्रमोशन लगभग सवा सौ प्रधान आरक्षक दो साल से कर रहे एएसआई बनने का इंतजार
भिलाई। विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी अब तक दुर्ग पुलिस रेंज के 122 प्रधान आरक्षको की पदोन्नति नही हुई है, जिससे लेकर स्वयं उनके और परिवारजनों में मायूसी है क्योंकि पदोन्नति पर आरक्षण को लकर उच्च न्यायालय द्वारा लगी रोक ने इनके मंसूबों पर पानी फेर रहा था लेकिन अब न्यायालयीन रोक हटने के बाद भी इनको पदोन्नति नही मिल पा रही है, ये लोग पिछले दो साल से सहायक उप निरीक्षक बनने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि इसमें से वो 28 लोगों को पदोन्नति का लाभ मिल गया जिनकी पदोन्नति न्यायालय में रोक लगने से पहले ही हो गई थी।
उल्लेखनीयह है कि वर्ष 2018 में दुर्ग रेंज के पांचो जिले दुर्ग, राजनांदगांव, बालोद, बेमेतरा व कबीरधाम के प्रधान आरक्षकों के लिए सहायक उप निरीक्षक पदे पर पदोन्नति देने विभागीय परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में कुल 150 प्रधान आरक्षक सफल हुए थे। जिसमें से केवल 28 प्रधान आरक्षकों को ही सहायक उप निरीक्षक के पद में पदोन्नति मिल सकी थी, इसी दौरान इसमें आरक्षण को लेकर मामला हाईकोर्ट में चला गया और पदोन्नति पर रोक लग गई थी, इसके कारण पदोन्नति के लिए बाकी बचे 122 प्रधान आरक्षक अब तक अपनी पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं।
यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि पुलिस विभाग का अपना विशेष अनुशासन का दायरा बना हुआ है। इस दायरे में रहकर कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अपने हक के लिए आवाज नहीं उठा पाते। पदोन्नति परीक्षा उत्तीर्ण 150 में से 122 प्रधान आरक्षकों के साथ भी यही स्थिति बनी हुई है। एक तो पदोन्नति देने के लिए परीक्षा आयोजित करने की कोई निश्चित समय सीमा प्रधान आरक्षकों के साथ निर्धारित नहीं है। ऐसे में परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद पदोन्नति का लाभ नहीं मिल पाने से प्रधान आरक्षकों में निराशा की बनी स्थिति उनके कार्यप्रणाली पर नकारात्मक अवसर डाल सकती है।
ज्ञातव्य हो कि सहायक उप निरीक्षक का पद की पूर्ति विभागीय पदोन्नति के माध्यम से ही होती है। इस समय में दुर्ग रेंज के पांचों जिले में सहायक उप निरीक्षक का अभाव बना हुआ है। इस अभाव को परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके 122 प्रधान आरक्षकों को जल्द से जल्द पदोन्नति का लाभ देकर दूर किया जा सकता है।