नई दिल्ली, तोखन साहू के नेतृत्व में स्वच्छ भारत मिशन से 32 स्टार्टअप जुड़े। ‘गार्बेज-फ्री सिटीज’ के नए युग का शुभारंभ।

नई दिल्ली, तोखन साहू के नेतृत्व में स्वच्छ भारत मिशन से 32 स्टार्टअप जुड़े। ‘गार्बेज-फ्री सिटीज’ के नए युग का शुभारंभ।
छत्तीसगढ़ बिलासपुर भूपेंद्र साहू ब्यूरो रिपोर्ट। आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने नई दिल्ली स्थित ताज विवांता, द्वारका में आयोजित स्टार्टअप शोकेस एवं डेमो डे: स्पेशल सेशन ऑन स्वच्छ भारत मिशन–अर्बन (एसबीएम-यू) कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। यह कार्यक्रम आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप इन्क्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (एसआईआईसी) के सहयोग से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में सोशल इनोवेशन लैब 2.0 (एसआईएल 2.0) का प्रदर्शन किया गया, जो सिटी इंडिया और आईआईटी कानपुर की साझेदारी में विकसित सीएसआर पहल है और स्वच्छ प्रौद्योगिकी तथा कृषि-प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में 100 नवाचार आधारित स्टार्टअप का समर्थन कर रहा है।
अपने संबोधन में श्री साहू ने भारत के वैश्विक स्टार्टअप नेतृत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “भारत आज विश्व में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब है। देश में 100 से अधिक यूनिकॉर्न कार्यरत हैं और तकनीक व नवाचार की मजबूत संस्कृति महानगरों से आगे बढ़कर टियर-2 एवं टियर-3 शहरों तक पहुंच चुकी है।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा अपशिष्ट प्रबंधन क्षेत्र में कार्यरत 5,000 से अधिक स्टार्टअप पंजीकृत किए जा चुके हैं।
श्री साहू ने स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 द्वारा कचरा-रहित शहरों की दिशा में किए गए परिवर्तनकारी प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “मिशन अपशिष्ट पृथक्करण, पुनर्चक्रण, सर्कुलर इकोनॉमी मॉडल और अनुसंधान व नवाचार को बढ़ावा देते हुए शहरी स्वच्छता को नई दिशा दे रहा है। मिशन में सफाई कर्मियों की सुरक्षा, गरिमा और कल्याण सर्वोपरि है।”
राज्य मंत्री ने स्मरण कराया कि एसबीएम-यू के पिछले एक दशक ने पारंपरिक अपशिष्ट प्रबंधन से तकनीक-संचालित समाधानों की दिशा में तेज प्रगति की है। उन्होंने आर्क रोबोटिक्स, रीसर्कल, इकोकारी, यूनेको, पैडकेयर, मडल आर्ट, कबाड़ीवाला आदि स्टार्टअप द्वारा विकसित नवाचारों की विशेष उल्लेख किया, जो शहरी अपशिष्ट प्रबंधन तंत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
श्री साहू ने बताया कि 2022 में आयोजित स्वच्छता स्टार्टअप चैलेंज ने इस क्षेत्र में नवाचार, अनुसंधान और इकोसिस्टम निर्माण को गति दी है। स्टार्टअप गेटवे के प्रथम चरण के 30 स्टार्टअप ने अब तक—
- 300 लाख लीटर अपशिष्ट जल का उपचार,
- 63,000 मीट्रिक टन से अधिक अपशिष्ट का प्रबंधन,
- 15,000 मीट्रिक टन सड़क कचरे का संग्रह,
- 200 मीट्रिक टन जैव अपशिष्ट का प्रसंस्करण किया है,
साथ ही 50 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व उत्पन्न किया तथा 2,000 से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया।
कार्यक्रम के दौरान स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के अंतर्गत स्टार्टअप गेटवे फॉर गार्बेज-फ्री सिटीज के दूसरे चरण का शुभारंभ किया गया, जिसके तहत 32 नए स्टार्टअप को ऑनबोर्ड किया गया। इनमें युवाओं और महिला उद्यमियों की उल्लेखनीय भागीदारी है। चयनित स्टार्टअप को तकनीकी मार्गदर्शन, आईआईटी कानपुर में इन्फ्रास्ट्रक्चर तक पहुंच, निवेशक एवं सीएसआर कनेक्ट और शहरी स्थानीय निकायों (शहरी स्थानीय निकायों) के साथ पायलट परीक्षण के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
अपने समापन वक्तव्य में श्री साहू ने अपशिष्ट प्रबंधन क्षेत्र के लिए एक राष्ट्रीय विनिमय मंच (राष्ट्रीय एक्सचेंज प्लेटफ़ॉर्म) की स्थापना की घोषणा की, जिसके माध्यम से शहरी स्थानीय निकायों अपनी आवश्यकताएँ साझा कर सकेंगे और स्टार्टअप समाधान प्रस्तुत कर सकेंगे। इस मंच से सहयोग, निवेश और नवाचार को गति मिलेगी। शहरी स्थानीय निकायों में स्टार्टअप ऑनबोर्डिंग को आसान बनाने के लिए नीतिगत सुधार भी विचाराधीन हैं।


