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1999 की बात है, कानपुर के लड़के को समझ नहीं आया UPSC रिजल्ट, चेयरमैन को लिखी चिट्ठी, बन गया IAS अफसर

नई दिल्ली (Ashutosh Agnihotri IAS Success Story). यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के फाइनल रिजल्ट को चुनौती देना लगभग असंभव माना जाता है. लेकिन कल्पना कीजिए, एक लड़का जिसका नाम सफल उम्मीदवारों की सूची में 277वीं रैंक पर है और उसे इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विस में सरकारी नौकरी मिलने वाली है, वह अचानक उस लिस्ट को ही अस्वीकार कर देता है! यह कहानी कानपुर के आशुतोष अग्निहोत्री की है, जिन्होंने 1999 में अपने असाधारण कॉन्फिडेंस से खुद की किस्मत बदल डाली.

उन्होंने देश के सबसे बड़े चयन निकाय संघ लोक सेवा आयोग को घोषित परिणाम बदलने पर मजबूर कर दिया था. यह घटना UPSC के इतिहास में ऐसा भूचाल थी, जो न तो पहले कभी आया था और न ही दोहराया गया.  आने के बाद आशुतोष को अपनी मार्कशीट में गड़बड़ नजर आई. जिस वैकल्पिक विषय में उन्हें बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद थी, उसमें उन्हें केवल 70 अंक मिले थे. उन्हें समझ में आ गया कि ये नंबर उनके नहीं है, बल्कि किसी क्लर्क की गलती ने उनके 176 अंकों को किसी और के खाते में डाल दिया है.

आशुतोष अग्निहोत्री आईएएस अफसर कैसे बने?

आशुतोष अग्निहोत्री ने जब अपने जानने वालों को इस गलती की जानकारी दी तो सब उन्हें शांत रहने की सलाह दे रहे थे. UPSC को चुनौती देना आसान नहीं था. लेकिन आशुतोष ने यह जोखिम लिया. उन्होंने एक पत्र लिखकर यूपीएससी चेयरमैन को भेजा और बस यहीं से कहानी ने एक ऐसा मोड़ लिया कि कुछ ही हफ्तों में वह 277वीं रैंक के डिफेंस अकाउंट सर्विस अधिकारी बनने से सीधे 26वीं रैंक के आईएएस अधिकारी बन गए. यह कहानी बताती है कि आत्मविश्वास और सत्य की शक्ति सबसे मजबूत तंत्र को भी हिला सकती है.

यूपीएससी चेयरमैन ने तुरंत करवाई जांच

उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले आशुतोष अग्निहोत्री के इस पत्र का परिणाम चौंकाने वाला था. यूपीएससी के तत्कालीन चेयरमैन लेफ्टिनेंट जनरल सुरेंद्र नाथ ने व्यक्तिगत रूप से मामले की जांच का आदेश दिया था. जांच में पुष्टि हुई कि वास्तव में एक क्लर्क की गलती के कारण आशुतोष अग्निहोत्री को मिलने वाले 176 अंक गलती से किसी और उम्मीदवार के नाम पर दर्ज हो गए थे.. और उनके खाते में किसी और के 70 अंक जोड़ दिए गए थे. फिर 1 सितंबर 1999 को यूपीएससी रिजल्ट बदलने की ऐतिहासिक घोषणा हुई थी.

अब कहां हैं आशुतोष अग्निहोत्री?

यूपीएससी रिजल्ट में इस संशोधन के साथ आशुतोष अग्निहोत्री असम-मेघालय कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी बन गए. उनकी यह जीत सिर्फ व्यक्तिगत सफलता नहीं थी, बल्कि पारदर्शिता और न्याय की जीत थी, जिसने पूरे देश की सबसे बड़ी चयन संस्था को अपनी कार्यप्रणाली की जांच करने पर मजबूर कर दिया. आशुतोष अग्निहोत्री वर्तमान में भारतीय खाद्य निगम (FCI) और केंद्रीय भंडारण निगम (CWC) के चेयरमैन के रूप में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं.

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