आरपीएफ के ओसी के निलंबन से महकमा में मचा है हडकम्प
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लगातर मालगाड़ी से कोयला चोरी होना पड़ा भारी
दरअसल जिस मालगाड़ी से कोयले की बड़े पैमाने पर चोरी हुई थी, वह पूरी तरह से भरी हुई थी। मालगाड़ी का यह रैक भिलाई इस्पात संयंत्र जा रहा था। जबकि कोयले की ज्यादातर चोरी संयंत्र से खाली होकर निकलने वाली मालगाड़ी से होती है। रिकार्ड में खाली मालगाड़ी में भी काफी मात्रा में कोयला चिपककर रह जाता है। इसी कोयले की चोरी होने पर भी कोई अपराध इसलिए उजागर नहीं होता क्योंकि रेलवे के रिकार्ड में उस मालगाड़ी को खाली दर्शाया जा चुका होता है। लेकिन जिस मामले की गूंज छत्तीसगढ़ से दिल्ली तक जा पहुंची वह भरी मालगाड़ी से चोरी का था। चोरी भी ऐसी थी कि कोयले का ढेर से रेल पटरी ही बाधित हो गई। आरपीएफ की बदकिस्मती कहे या फिर महज संयोग कि उसी दौरान रेलवे इंजीनियरिंग विभाग के इंजीनियर ट्राली में रेल पटरी का मुआयना करते वहां पहुंच गए। पटरी के एकदम किनारे कोयले के कई सारे ढेर की कथित रूप से उस इंजीनियर ने वीडियो बनाया और फोटो खींच कर उच्चाधिकारियों को भेज दिया। देखते ही देखते चरोदा में कोयला चोरी का यह मामले रेलवे के अनेक विभागीय वाट्सएप ग्रुप में वायरल होने लगा। अंतत: रायपुर डिवीजन व बिलासपुर रेलवे जोन से होकर यह मामला आरपीएफ के दिल्ली स्थित मुख्यालय तक जा पहुंचा।
भिलाई। रेल सुरक्षा बल आरपीएफ के चरोदा पोस्ट में तैनात ओसी को कोयला चोरी से जुड़े तकरीबन दो माह पुराने मामले में निलंबित किए जाने से महकमे में सन्नाटा पसर गया है। पेशेवर कोयला चोरों को चरोदा यार्ड क्षेत्र में हाल फिलहाल न फटकने की चेतावनी दिए जाने की खबर है। पुराने मामले में दिल्ली स्तर पर जांच चलने के दौरान भी चरोदा रेलवे यार्ड से कोयले की चोरी बदस्तूर जारी रही। सी केबिन के पास रेल पटरी व प्लेटफार्म पर बिखरे कोयले से इस बात की पुष्टि हो रही है।
भिलाई-चरोदा रेलवे क्षेत्र में आरपीएफ के ओसी भोलानाथ सिंह पर हुई निलंबन की ताजा कार्यवाही सुर्खियों में बन गई है। भोलानाथ सिंह आरपीएफ के चरोदा पोस्ट में बतौर प्रभारी तैनात थे। लगभग दो माह पहले जी केबिन से सिरसा गेट के बीच बीएसपी के लिए जा रही कोयले से भरी मालगाड़ी पर चोरो ने धावा बोल दिया था। इस मामले में रायपुर, बिलासपुर से लेकर दिल्ली मुख्यालय तक आरपीएफ की जांच चली। इस जांच में बड़े पैमाने पर हुई कोयले की चोरी के लिए चरोदा आरपीएफ पोस्ट के प्रभारी भोलानाथ सिंह को दोषी माना गया। मामले में प्रभारी के साथ ही इस घटना के तत्काल बाद प्रारंभिक जांच के आधार पर लाइन अटैच प्रधान आरक्षक को भी निलंबित किया गया है।
बताया जाता है कि भिलाई-चरोदा रेलवे क्षेत्र के इतिहास में यह पहला मौका है कि कोयला चोरी के मामले में किसी स्थानीय अधिकारी को सीधे दिल्ली मुख्यालय से निलंबित किया गया है। लिहाजा आरपीएफ महकमे में इस कार्यवाही को लेकर भय का माहौल बन पड़ा है। बताते हैं इस कार्यवाही के बाद आरपीएफ ने भिलाई-3 से लेकर चरोदा में फैले पेशेवर कोयला चोरों को रेलवे यार्ड की ओर न फटकने की चेतावनी दी है।
जनचर्चा की माने तो भिलाई-चरोदा रेलवे क्षेत्र में कोयले की चोरी आरपीएफ के इशारे पर ही होती रही है। इसके लिए कोयला चोरी करने यार्ड में प्रवेश करने वालों से अघोषित तौर पर बनाए गए एजेंटों से हफ्ता वसूली की परंपरा होने का भी दावा किया जा रहा है। दो माह पहले चरोदा में हुई कोयला चोरी के जिस प्रकरण में आरपीएफ के ओसी पर निलंबन की गाज गिरी है उसे अंजाम देने वाले प्राय: सभी आरोपी पेशेवर कोयला चोर माने जाते हैं। ऐसे में इनसे आरपीएफ की मिलीभगत होने की संभावना से कोई भी इंकार नहीं कर रहा था। लेकिन कोयला चोरी का वीडियो और फोटोग्राफ्स रेल महकमे में नीचे से ऊपर तक वायरल होते ही मची हडक़म्प के बाद फौरी तौर पर कार्यवाही करते हुए दर्जन भर से अधिक कोयला चोरों को गिरफ्तार करना आरपीएफ की मजबूरी बन गई थी।
यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि इस बड़े मामले के उजागर होने के बाद भी चरोदा रेलवे यार्ड से कोयले की चोरी पर पुरी तरीके से अंकुश नहीं लग पाया। मामले की जांच दिल्ली स्तर पर चलती रही, दूसरी तरफ कुछ दिनों के बाद ही पुन: कोयले की चोरी शुरू हो गई। इस बार चोर के निशाने पर संयंत्र से खाली होकर निकलने वाली मालगाड़ी रही। खाली मालगाडिय़ों के देवबलोदा चरोदा के लिए सी केबिन के पास बने पेसेंजर स्टोपेज में रेड सिग्नल पर ठहरते ही बोरियो लेकर पेशेवर चोर कोयला भरकर ले जाते रहे। इस जगह की रेल पटरी व प्लेटफार्म पर बिखरे कोयले से इस बात की पुष्टि स्वत: हो रही है। ऐसे में 24 घंटे तीन पालियों में रेल संपत्ति की चोरी रोकने तैनात आरपीएफ के जवानों कर्तव्यनिष्ठा का आंकलन आसानी से किया जा सकता है। इस बात से भी इंकार नहीं किया जा रहा है कि भरी के बजाए खाली होकर वापस जाने वाली मालगाड़ी में बचे कोयले की चोरी प्रमाणित नहीं होने से आरपीएफ के द्वारा ही चोरों को संरक्षण दिया जाता है।