छत्तीसगढ़

सामुदायिक स्तर पर न्याय की ओर कदम, मध्यस्थता का युवाओं को दिया जाएगा विधिक प्रशिक्षण

सामुदायिक स्तर पर न्याय की ओर कदम, मध्यस्थता का युवाओं को दिया जाएगा विधिक प्रशिक्षण

छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ आर्बिट्रेशन एंड मीडिएशन द्वारा सभी ब्लॉक में आयोजित की जाएगी कार्यशाला

कलेक्टर ने सामुदायिक मध्यस्थता की पहल की सराहना की
बिलासपुर, 20 जून ,2025/ जिले में ग्राम स्तर पर न्याय की सरल, सुलभ और सामुदायिक व्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ आर्बिट्रेशन एंड मीडिएशन संस्था द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर सामुदायिक मध्यस्थता कॉन्सेप्ट के विषय में जानकारी दी गई। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि इस पहल से छोटे छोटे प्रकरणों का निराकरण हो सकेगा जिससे आम लोगों के पैसे , समय और श्रम की बचत होगी। सामुदायिक मध्यस्थता के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत से शिक्षित युवाओं के नाम मांगे गए है जिन्हें मध्यस्थता के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप अग्रवाल इस अवसर पर मौजूद रहे।
जनपद पंचायत बिल्हा के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में कलेक्टर बिलासपुर ने पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा “पंचायत प्रतिनिधि समाज के नेतृत्वकर्ता होते हैं। जब गांव में ही छोटे-छोटे विवादों का निपटारा आपसी बातचीत, समझ और सामंजस्य से किया जा सकता है, तो उन मामलों को कोर्ट तक ले जाने की आवश्यकता नहीं है। इससे समय, श्रम और पैसा, तीनों की बचत होगी।” उन्होंने कहा कि पंचायतों को केवल विकास योजनाओं के क्रियान्वयन तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि सामाजिक समरसता बनाए रखने में भी उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पंचों को परमेश्वर कहा जाता है जिसे आप इस माध्यम से सार्थक कर सकते हैं।
कलेक्टर ने सरपंचों को प्रेरित करते हुए कहा, जो समाज के लिए काम करता है, उसका नाम होता है। यदि आप गांव में शांति और समाधान की संस्कृति विकसित करते हैं, तो यह आपके नेतृत्व की सबसे बड़ी पहचान होगी। जनपद पंचायत बिल्हा में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित जन प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कलेक्टर ने कहा कि गांवों में उत्पन्न होने वाले छोटे-मोटे आपसी विवादों, पारिवारिक झगड़ों, भूमि-सीमा विवाद, सामाजिक टकरावों का समाधान ग्राम स्तर पर ही पंच-सरपंचों और पंचायत प्रतिनिधियों की मध्यस्थता से करना, जिससे न्यायिक प्रक्रिया पर भार कम हो और ग्रामीणों को तेजी से समाधान मिल सकेगा। प्रशिक्षण में चयनित युवाओं को कानूनी विकल्पों से पहले समाधान के उपाय, तथा न्यायिक प्रणाली के अनावश्यक उपयोग से बचने के तौर-तरीके सिखाए जाएंगे साथ ही कैसे विवादों को संवेदनशीलता, समझदारी और निष्पक्षता से सुलझाया जा सकता है, इस विषय पर जानकारी दी जाएगी। बिल्हा से शुरुआत के बाद इसे सभी ब्लॉक में शुरू किया जाएगा जिसमें चयनित युवाओं को पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा।

योजनाओं की जानकारी और सक्रिय भागीदारी की अपील
कार्यक्रम में कलेक्टर ने जन प्रतिनिधियों को विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे इन योजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि हर नागरिक का आयुष्मान भारत कार्ड बने, ताकि सभी को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा मिल सके। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ सभी पात्र किसानों तक पहुंचे। सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ित परिवारों को त्वरित सहायता मिले। नल-जल योजना को गति मिले और भू-जल संरक्षण के लिए गांव स्तर पर ठोस कार्य किए जाएं। साथ ही उन्होंने कहा कि नशे की प्रवृति से खुद बचें और दूसरों को भी बचाएं । यह पहल गांवों में न्याय की नई दिशा देने के साथ-साथ प्रशासन और समुदाय के बीच सार्थक संवाद और विश्वास को भी मजबूत करेगी। यहां युवोदय कार्यक्रम के विषय में कलेक्टर ने जानकारी दी जिसके माध्यम से प्रत्येक गांवों के युवाओं को जोड़ा जाएगा जो शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन में अपनी भूमिका निभाएंगे। इस अवसर पर संस्था की संस्थापक एडवोकेट हमीदा सिद्दीकी, रेड क्रॉस के नोडल अधिकारी श्री सौरभ सक्सेना, बिल्हा सीईओ श्री एस एस पोयम सहित विभागीय अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे। कार्यशाला में विधि छात्रों द्वारा नशे के विरूद्ध जागरूकता के लिए एक नुक्कड़ नाटक का भी प्रदर्शन किया गया।

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