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शाला प्रवेश के पहले दिन ही मचांदुर के ग्रामीणों में भारी आक्रोश

दुर्ग ग्रामीण / मचांदुर में शाला प्रवेशोत्सव के पहले दिन ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिला । ग्रामीणों का यह गुस्सा एक शिक्षिका के स्थानांतरण को लेकर था, जिसके कारण अभिभावकों और बच्चों ने स्कूल का बहिष्कार कर दिया । ग्रामीणों ने स्कूल में तालाबंदी कर दी, क्योंकि वे शिक्षिका के स्थानांतरण से नाराज था, उनका कहना था कि खेमलता गोस्वामी मैडम पिछले 20 वर्षों से यहाँ बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाने का काम कर रही है, जिसके चलते उनके बच्चों की पढ़ाई का स्तर बहुत बढ़ा है, इसके साथ ही खेमलता गोस्वामी मैडम बच्चों को कंपटीशन एग्जाम परीक्षाओं के लिए भी तैयार करती है, जिस कारण हमारे बच्चो की पढ़ाई का स्तर बहुत सुधरा है और ये गोश्वामी मैडम की ही मेहनत का नतीजा है कि आज 20 से 25 बच्चो को प्रति वर्ष 12000 रू स्कॉलरशिप मिल रहा है, लेकिन युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में उनका नाम वाणिज्य में डालकर उन्हें यहाँ से हटाया जा रहा है, जबकि अभी 2 साल पहले ही अंग्रेजी के लिए एक अलग से टीचर पदस्त किया गया है, लेकिन वह सामाजिक विज्ञान की पढ़ाई करवाते हैं, उनके पढ़ाई का तरीका और बच्चो से बात करने का तरीका अच्छा नहीं है, उनका कहना था कि अगर युक्तिकरण में एक शिक्षक अधिक है, तो इन्हे यहां से हटा कर गोस्वामी मैडम को वापस लाया जाए, गोस्वामी मैडम की पढ़ाई के चलते आज मचांदुर का नाम पुरे प्रदेश में रौशन हुआ है | वही बच्चों और पालकों ने इस आन्दोलन के समर्थन ग्रामीण जनप्रतिनिधि भी मौके पर मौजूद रहे | वही मचांदुर ग्राम पंचायत सरपंच और नव निर्वाचित दुर्ग ग्रामीण के सरपंच संघ के अध्यक्ष युगल किशोर साहू ने बताया गोस्वामी मैडम के जाने से शिक्षा का स्तर अपेक्षित नहीं है और बच्चों का भविष्य खतरे में है । वही शिक्षा विभाग के अधिकारियों और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों की मांग थी कि गोस्वामी मैडम को जब तक वापस नहीं लाया जाएगा तब तक हम अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे, उन्होंने शिक्षा विभाग से पहुचे बीआरसी को एक सप्ताह में गोस्वामी मैडम को वापस लाने की चेतावनी देते हुए स्कूल में ताला बंदी किये जाने की बात कहते हुए कल से भूख हड़ताल पर बैठने की बात की |

 

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