Padma Shri Pandi Ram Mandavi: पंडि राम मंडावी को मिला पद्मश्री सम्मान! राष्ट्रपति मुर्मू ने काष्ठ शिल्प के क्षेत्र में योगदान के लिए किया सम्मानित

नई दिल्ली: Padma Shri Pandi Ram Mandavi: गोंड मुरिया जनजाति के प्रसिद्ध कलाकार पंडी राम मंडावी को कला-काष्ठ शिल्प के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया। यह न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि समस्त आदिवासी कला और संस्कृति के लिए गर्व का क्षण है।
#WATCH | Delhi: Pandi Ram Mandavi receives the Padma Shri from President Droupadi Murmu, for his contribution to the field of arts- wood craft. pic.twitter.com/fes70VpFhr
— ANI (@ANI) May 27, 2025
Padma Shri Pandi Ram Mandavi: 68 वर्षीय पंडी राम मंडावी छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के निवासी हैं और वर्षों से बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने व संवारने का कार्य कर रहे हैं। वे परंपरागत गोंड मुरिया जनजाति से ताल्लुक रखते हैं और अपनी कला के माध्यम से इस जनजाति की पहचान को अंतरराष्ट्रीय मंचों तक ले गए हैं। पंडी राम मंडावी बस्तर बांसुरी बनाने में माहिर हैं, जिसे स्थानीय भाषा में ‘सुलुर’ कहा जाता है। इसके साथ ही वे लकड़ी पर उभरे हुए आकर्षक चित्रों, मूर्तियों और विविध प्रकार की शिल्पकृतियों का भी निर्माण करते हैं। उनकी कलाकृतियाँ बस्तर की मिट्टी, परंपरा और संस्कृति की जीवंत झलक प्रस्तुत करती हैं।
Padma Shri Pandi Ram Mandavi: महज 12 वर्ष की आयु में उन्होंने अपने पूर्वजों से इस शिल्प की शिक्षा प्राप्त की थी। आर्थिक कठिनाइयों में पले-बढ़े पंडी राम मंडावी ने अपनी लगन, परिश्रम और समर्पण के बल पर न केवल इस पारंपरिक कला को जीवित रखा, बल्कि इसे विश्वस्तर पर पहचान दिलाई। पंडी राम मंडावी ने अब तक आठ से अधिक देशों में अपनी कलाकृतियों का प्रदर्शन किया है। उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कार्यशालाएं आयोजित की हैं, जहां उन्होंने भारतीय आदिवासी शिल्प की महत्ता को दर्शाया। उनकी कार्यशालाओं के माध्यम से सैकड़ों स्थानीय कारीगरों को प्रशिक्षण मिला है जिससे यह कला नई पीढ़ियों तक पहुंच रही है और इसका संरक्षण सुनिश्चित हो रहा है।